गोरखपुर में कोरोना से बेसहारा हुए बच्‍चों को सहारा देगा प्रशासन, सर्वे शुरू Gorakhpur News

नगरीय क्षेत्र में एकल परिवारों की अधिक संख्या होने के कारण यहां इस तरह के मामले मिलने की संभावना जताई जा रही है। जैसे ही इस तरह का बच्‍चा मिलेगा उसे आनलाइन 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करना होगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 02:41 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 06:39 PM (IST)
गोरखपुर में कोरोना से बेसहारा हुए बच्‍चों को सहारा देगा प्रशासन, सर्वे शुरू Gorakhpur News
बेसहारा बच्‍चों के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इनमें युवा वर्ग के भी कई लोग शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि कोरोना ने कई बच्‍चों के माता-पिता दोनों को छीन लिया होगा। ऐसे बेसहारा बच्‍चों को प्रशासन की ओर से सहारा दिया जाएगा। इसमें बाल कल्याण समिति एवं स्वयं सेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय की ओर से जिले में इस संबंध में सर्वे शुरू कराया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी 20 में से 12 परियोजनाओं में अभी इस तरह का बच्‍चा नहीं मिला है, जो बेसहारा हो। आठ परियोजना क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्र में सर्वे अभी पूरा नहीं हो सका है। प्रशासन उन बच्‍चों की भी देखभाल करेगा, जिनके माता-पिता दोनों संक्रमित हैं और बच्‍चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं।

प्रशासन ने गठित की है समितियां

सर्वे के लिए ग्रामीण स्तर पर प्रशासन द्वारा गठित की गई निगरानी समितियों, ग्राम बाल कल्याण समितियों, स्वयं सेवी संगठनों, जिला बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन आदि का सहयोग लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि गांवों में संयुक्त परिवार की अवधारणा होने के कारण इस तरह के मामले नहीं मिल रहे हैं। माता-पिता के न होने की दशा में भी कोई अन्य अभिभावक बच्‍चों की जिम्मेदारी ले रहा है। इस बात की सूचना भी सर्वे में एकत्रित की जा रही है। नगरीय क्षेत्र में एकल परिवारों की अधिक संख्या होने के कारण यहां इस तरह के मामले मिलने की संभावना जताई जा रही है। जैसे ही इस तरह का बच्‍चा मिलेगा, उसे आनलाइन 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करना होगा। उसके बाद उसके देखभाल का इंतजाम होगा। 15 मई तक यह रिपोर्ट भेज देनी होगी।

इन बिन्दुओं पर जुटाई जा रही जानकारी

बच्‍चे का नाम, बालक या बालिका, उम्र, जैविक माता का नाम व स्थिति, जैविक पिता का नाम व स्थिति, परिवार में अन्य अभिभावकों का नाम, स्थिति व फोन नंबर, ऐसा फोन नंबर जिससे बच्‍चे से संपर्क किया जा सके, बच्‍चे को तुरंत किस चीज की जरूरत है।

आपके आसपास हों ऐसे बच्‍चे तो यहां दें सूचना

चाइल्ड लाइन हेल्प लाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181 और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की हेल्पलाइन नंबर 011-23478250 पर सूचना दे सकते हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह

शासन की ओर से ऐसे बच्‍चों का विवरण मांगा गया है, जिनके माता-पिता दोनों कोरोना महामारी के चलते नहीं रहे और उनके परिवार में दूसरा कोई अभिभावक या तो नहीं है या देखभाल करने की स्थिति में नहीं है। इस संबंध में सर्वे किया जा रहा है। अभी तक ऐसे बच्‍चों का पता नहीं चला है। जो भी बच्‍चे बेसहारा मिलेंगे, उनकी देखभाल की जाएगी।

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