संतकबीर नगर :नदी में शव बहाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश

संतकबीर नगर शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने नदी में शव बहाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को नदियों की निगरानी कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:40 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:40 AM (IST)
संतकबीर नगर :नदी में शव बहाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश
संतकबीर नगर :नदी में शव बहाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश

संतकबीर नगर: शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने नदी में शव बहाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसडीएम को नदियों की निगरानी कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। हालांकि अभी जिले में नदी में शव बहाने के एक भी मामला सामना नहीं आया है।

जनपद में सरयू, राप्ती, आमी आदि नदियों के विभिन्न घाटों पर अंतिम संस्कार होता है। इन सभी घाटों की निगरानी पुलिस ने शुरू कर दी है। गंगा-यमुना नदी में शवों को बहाने के मामले को संज्ञान में लेकर शासन ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को नदियों में शव बहाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शासन के इन निर्देश के अनुपालन में जिलाधिकारी ने एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी है। --------

यहां होता है अंतिम संस्कार धनघटा क्षेत्र में सरयू नदी के बिड़हरघाट पर प्रतिदिन करीब 40 से 55 शव जलाए जाते हैं। इसके साथ ही नारायणपुर, चाड़ी, रामबाग घाट पर रोज आठ से 15 शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। खलीलाबाद तहसील क्षेत्र में आमी नदी के तट पर मगहर, अजगइबा घाट, बखिरा झील के किनारे, बंडा नाला, भगवानपुर, कठिनइयां नदी के समीप बूधा गांव में 10 से 12, खुदवा व धर्मपुरा में इक्का-दुक्का शव का रोज अंतिम संस्कार होता है। वहीं मेंहदावल तहसील क्षेत्र के राप्ती नदी के तट पर स्थित घूरापाली, करमैनी, बढ़या, बेलौली घाट पर शव जलाए जाते हैं।

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नदी में शव फेंकना पाप मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाना जरूरी है। वर्तमान में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार शव का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। शव को नदी, नाला आदि में फेंकना पाप है। यह अधर्म है। इससे लोगों को बचना चाहिए। ये बातें गायत्री शक्तिपीठ के आचार्य रमेश चंद्र दूबे ने कहीं।

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि जनपद के तीनों तहसीलों के एसडीएम को नदियों की निगरानी करने के लिए कहा गया है। अधिकारी भ्रमण करके बीच-बीच में नदियों का जायजा लेते रहेंगे। लोग शव को कदापि नदियों में न बहाएं। एक संवेदनशील नागरिक का होने का परिचय देते हुए कोविड गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार करें।

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