सीएम का आदेश भी नहीं मान रहे पुलिस अधिकारी, एडीजी ने अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
Janta Darshan of CM Yogi Adityanath मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में आने वाली शिकायतों में 62 पुलिस विभाग से संबंधित रहीं। इसमें 43 शिकायतें ऐसी हैं जिसमें मुकदमें दर्ज हुए हैं लेकिन विवेचनात्मक कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। एडीजी ने इन विवेचकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Janta Darshan of CM Yogi Adityanath: दो दिन पूर्व गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में आने वाली शिकायतों में 62 पुलिस विभाग से संबंधित रहीं। इसमें 43 शिकायतें ऐसी हैं, जिसमें मुकदमें दर्ज हुए हैं, लेकिन विवेचनात्मक कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। एडीजी ने इन विवेचकों से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही एसएसपी को निर्देशित किया है कि यह देखा जाए कि इसमें सर्वाधिक विवेचना किसके स्तर से लंबित है। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। गोरखपुर में आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में पुलिस से जुड़े अधिक मामलों पर एसएसपी को फटकार लगाई थी।
सर्वाधिक 14 मामले कैंट सर्किल के
इस बार जनता दर्शन में पुलिस को सिर्फ इस लिए झेप जाना पड़ा 43 मामलों में मुकदमे तो दर्ज हैं, लेकिन विवेचना को लेकर विवेचक की भूमिका ठीक नहीं हैं। विभाग का मानना हैं? कि यदि इसमें विवेचक ने समुचित कार्रवाई की होती तो फरियादियों को जनता दर्शन में जाने की आवश्यकता न होती। इसमें सर्वाधिक 14 मामले कैंट सर्किल से संबंधित हैं। चौरीचौरा सर्किल से 13, कैंपियरगंज सर्किल से 11, गोरखनाथ सर्किल से नौ व कोतवाली सर्किल से तीन मामले शामिल हैं। थाने वार सर्वाधिक आठ मामले खोराबार थाना क्षेत्र से हैं। शाहपुर थाना क्षेत्र से सात, चिलुआताल से छह, पिपराइच से छह मामले शामिल हैं।
दो मामलों में दर्ज नहीं हुआ मुकदमा
जनता दर्शन में आने वाले दो मामले ऐसे हैं, जिसमें मुकदमा ही नहीं दर्ज हुआ है। इसमें एक महिला उत्पीड़न से संबंधित हैं? दूसरा अन्य मामले से संबंधित। एडीजी ने लंबित मामलों के संबंध में सभी विवेचकों से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही एसएसपी को निर्देशित किया हैं? कि जिसके पास सर्वाधिक मामले लंबित हैं, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अब हर सर्किल के सीओ जनता दर्शन में रहेंगे मौजूद
एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में अब हर सर्किल के सीओ मौजूद रहेंगे। एडीजी ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि शिकायत पर कार्रवाई पहले से हुई रहती और अधिकारी को उसकी जानकारी नहीं रहती है। ऐसे में सीओ पहले से शिकायत कर्ता के मामले की जानकारी ले लेंगे और वह मामले की प्रगति अपडेट रहेंगे। ताकि जरूरत पड़ने पर वह मुख्यमंत्री को मामले के प्रगति जानकारी दे सकें।