पीएम आवास का पैसा लेकर मकान न बनवाने वालों पर होगी कार्रवाई Gorakhpur News

गोरखपुर के डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन ने निर्देश दिया है कि पहली किस्त के रूप में 50 हजार तथा दूसरी किस्त के रूप में 1.50 लाख रुपये लेने के बावजूद निर्माण न करने वाले लोगों को नोटिस दिया जाए। नोटिस देकर जल्द से जल्द काम पूरा करने को कहा जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 07:05 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 03:02 PM (IST)
पीएम आवास का पैसा लेकर मकान न बनवाने वालों पर होगी कार्रवाई Gorakhpur News
पीएम आवास योजना की राशि लेकर आवास न बनवाने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएनन। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसा पाने के बावजूद आवास न बनाने वाले लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा। ऐसे लोगों को नोटिस देने की तैयारी शुरू हो गई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अल्प आय वर्ग के लोगों को आवास बनाने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये जबकि दूसरी किस्त के रूप में 1.50 लाख रुपये दिए जाते हैं। इस योजना में कुल 2.50 लाख रुपये की सहायता मिलती है। ऐसी शिकायत आ रही थी कि कई लोगों ने पैसा लेकर उसे किसी अन्य कार्य में लगा दिया।

इसको देखते हुए जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने निर्देश दिया है कि पहली किस्त के रूप में 50 हजार तथा दूसरी किस्त के रूप में 1.50 लाख रुपये प्राप्त करने के बावजूद आवास का निर्माण न करने वाले लोगों को नोटिस दिया जाए। नोटिस देकर जल्द से जल्द काम पूरा करने को कहा जाएगा। इसके बावजूद काम न करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डूडा के परियोजना अधिकारी विकास कुमार सिंह ने बताया कि ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है।

जीडीए की ओर से कराया जा रहा 1488 आवासों का निर्माण

गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से भी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 1488 आवासों का निर्माण कराया जा रहा है। मानबेला में बन रहे इन आवासों का आवंटन प्राधिकरण की ओर से लाटरी के माध्यम से किया गया है। 1242 लोगों को आवंटन पत्र मिल चुका है। आवंटियों ने किस्त देना भी शुरू कर दिया है लेकिन करीब एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद उन्हें कब्जा नहीं मिल पाया है। कब्जे के लिए वे जीडीए का चक्कर लगा रहे हैं। इन आवासों में ड्रेनेज, जल आपूर्ति एवं बिजली का काम शेष होने के कारण कब्जा नहीं मिल पा रहा है।

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