गोरखपुर में एटीएस के हत्थे चढ़ा टेरर फंडिंग का आरोपित, पाकिस्तानी हैंडलरों के सीधे संपर्क में था

UP ATS ने टेरर फंडिंग के आरोपित को गोरखपुर से पकड़ा है। उसके पास से नकली नोट व हवाला कारोबार से जुड़े कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। एटीएस की टीम उससे पूछताछ में जुटी है। वह यहां से हवाला के जरिये पाकिस्तान में मौजूद हैंडलरों को रुपये भेजता था।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:05 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 09:50 PM (IST)
गोरखपुर में एटीएस के हत्थे चढ़ा टेरर फंडिंग का आरोपित, पाकिस्तानी हैंडलरों के सीधे संपर्क में था
एटीएस ने गोरखपुर में टेरर फंडिंग के आरोपित को गिरफ्तार किया है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। यूपी एटीएस ने टेरर फंडिंग के आरोपित अजय कुमार सिंह को गोरखपुर से पकड़ा है। उसके पास से नकली नोट व हवाला कारोबार से जुड़े कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। एटीएस की टीम उससे पूछताछ में जुटी है। खबर है कि वह यहां से हवाला के जरिये पाकिस्तान में मौजूद हैंडलरों को रुपये भेजता था। हालांकि एटीएस इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

तीन साल से था फरार, रामगढ़ताल के शिवाजीनगर में किराए पर लिया था कमरा

आरोपित अजय वर्ष 2018 से टेरर फंडिंग के मामले में नामजद आरोपित है। वह गोरखपुर के बांसगांव के मरवटियां वार्ड नंबर तीन का निवासी हे। वह रामगढ़ताल के शिवाजीनगर कालोनी में किराए पर कमरा लेकर रहता था। एटीएस को सूचना मिली थी कि अजय गोरखपुर में रह रहा है। वह यहां से गोरखपुर सहित कई शहरों में टेरर फंडिंग को अंजाम दे रहा है। पाकिस्तानी हैंडलरों के कहने पर उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार कई खाते खुलवाया था और उसमें लोगों से रुपये मंगाकर पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों को भेजता था।

काफी दिनों से था फरार

बता दें मार्च 2018 में यूपी एटीएस ने गोरखपुर के बलदेव प्लाजा के मोबाइल कारोबारी भाई अर्शद नईम व नसीम अहमद के साथ ही मुकेश प्रसाद, मुशर्रफ अंसारी, सुशील राय, दयानंद यादव को गिरफ्तार किया था। अर्शद नईम व नसीम अहमद के पास 46 लाख रुपये भी बरामद हुए थे।

आरोपितों से पूछताछ में अजय का नाम प्रकाश में आया था, लेकिन वह तभी से फरार चल रहा था। अजय ने विभिन्न बैंकों में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सौ से अधिक खाते खुलवाएं हैं। खातों में अपनी फोटो लगाकर वह खातों का संचालन कर रहा था।

पुलिस ने जताई अनभिज्ञता

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने भी इस संबंध में अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

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