लेखपालों की हड़ताल ; ठप हुआ आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनने का कार्य Gorakhpur News

लेखपालों की हड़ताल के कारण पूर्वांचल में आय जाति व निवास प्रमाण पत्र बनने का कार्य ठप हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 02:26 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 03:23 PM (IST)
लेखपालों की हड़ताल ; ठप हुआ आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनने का कार्य Gorakhpur News
लेखपालों की हड़ताल ; ठप हुआ आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनने का कार्य Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। आठ सूत्रीय मांगों को लेखपाल संघ के पदाधिकारी लगातार दूसरे दिन कार्य बहिष्कार पर हैं। गोरखपुर की सभी तहसीलों पर लेखपाल धरना दे रहे हैं। लेखपालों का कहना है कि संगठन अपनी मांगों को लेकर नवंबर से ही आंदोलनरत है लेकिन अभी तक इसका कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ सका है। यही कारण है कि लेखपाल संघ अब पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार पर है। अनिश्चितकालीन कार्य के कारण आय, जाति, निवास, वरासत आदि कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। तहसीलों पर  सैकड़ों की संख्या में आवेदन लंबित हैं जिसके कारण आवेदकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मागें मानी जानें तक चलेगा आंदोलन

संघ के जिलाध्यक्ष नीलकंठ धर दुबे ने कहा कि सरकार के उपेक्षात्मक रवैये के कारण लेखपालों में काफी आक्रोश व्याप्त है। सरकार लेखपालों की मांगों को अनसुनी कर रही है लेकिन अब आरपार की लड़ाई होगी। लेखपाल अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कोषाध्यक्ष हरि प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार यात्रा भत्ता के नाम पर लेखपालों के साथ मजाक कर रही है। धरना स्थल पर रामआसरे, रामकुमार गुप्ता, पंकज, जयदेव सिंह, धनंजय, रामनगीना, बृजेश कुमार, करुणानिधि सिंह बड़ी संख्या में लेखपाल मौजूद हैं।

पांच नवंबर को लेखपालों ने छोड़ा था काम

अपनी मांगों को लेकर लेखपालों ने पांच नवंबर को 234 अतिरिक्त हलकों का काम छोड़ दिया था जिसके कारण बड़ी संख्या में आनलाइन आवेदन लंबित हो गए हैं। ऐसे आय, जाति व निवास प्रमाण पत्रों के आवेदनों की संख्या छह हजार से अधिक बताई जा रही है।

प्रतिदिन आते हैं दो सौ से अधिक आवेदन

जनपद में आय, निवास व जाति प्रमाण के लिए प्रतिदिन दो सौ से अधिक आवेदन आते हैं। लेखपालों के कार्य बहिष्कार के कारण पैमाइश आदि का कार्य भी रुक गया है। अगर लेखपाल शीघ्र कार्य पर नहीं लौटे तो आमजन की समस्या बढ़ती ही जाएगी।

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