इस जिले में शासन की गाइडलाइन का उड़ा मजाक, चार दिन का बेड चार्ज दो लाख रुपये Gorakhpur News

एक कोविड अस्पताल में खर्च के संबंध में जारी शासन की गाइडलाइन का खुलकर मजाक उड़ाया गया है। वहां भर्ती दो मरीजों से निर्धारित दर से कई गुना चार्ज वसूल किया गया है। एक मरीज चार दिन से भर्ती था। उनसे बेड चार्ज दो लाख रुपये लिए गए।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:10 AM (IST)
इस जिले में शासन की गाइडलाइन का उड़ा मजाक, चार दिन का बेड चार्ज दो लाख रुपये Gorakhpur News
एक मरीज से बेड चार्ज के नाम पर चार दिन में वसूल किए गए दो लाख रुपये। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : शहर के एक कोविड अस्पताल में खर्च के संबंध में जारी शासन की गाइडलाइन का खुलकर मजाक उड़ाया गया है। वहां भर्ती दो मरीजों से निर्धारित दर से कई गुना चार्ज वसूल किया गया है। एक मरीज चार दिन से भर्ती था। उनसे बेड चार्ज दो लाख रुपये लिए गए। एक लाख रुपये दवा का खर्च है। दूसरे मरीज से तीन दिन का बेड चार्ज 1.60 लाख रुपये, 32 हजार की जांच और एक लाख रुपये दवा के लिए गए। इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन 80 हजार रुपये और मांग रहा है।

आडियो के साथ वी‍डियो भी हुए वायरल

यह बातें बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत व एक अस्‍पताल के निदेशक की आडियो बातचीत में उजागर हुई हैं। इस आडियो के साथ दो वीडियो भी वायरल हुए हैं जिसमें मरीजों ने अस्पताल की पूरी कहानी बयां की है। मरीजों का कहना है कि पैसे नहीं देने से इलाज रोक दिया गया था। जब पैसे दिए गए तो पुन: इलाज शुरू हुआ। इस संबंध में पार्षद विश्वजीत ने निदेशक से पूछा है कि शासन द्वारा निर्धारित धनराशि से यह बहुत ज्यादा है। चार दिन का दो लाख रुपये केवल बेड चार्ज लिया जाना कहां तक उचित है? प्रबंधक ने जवाब दिया है कि जब मरीज स्पेशल सुविधा चाहेंगे तो स्पेशल सेवा का चार्ज भी स्पेशल होता है। उनके लिए अलग स्टाफ व कमरे की व्यवस्था करनी होती है। वैसे ही इस समय स्टाफ नहीं मिल रहे हैं। आप सामने बैठेंगे तो हम लोग बातचीत कर लेंगे। पार्षद ने साफ कहा कि उनके पैसे वापस कीजिए। अन्यथा मैं कमिश्नर व डीएम से इसकी शिकायत करूंगा और इस मामले को लेकर धरने पर बैठूंगा। वायरल आडियो के बारे में अस्पताल के निदेशक ने पार्षद विश्वजीत से हुई बातचीत की पुष्टि की है।

संक्रमित होने के बाद न हारी हिम्मत, कोरोना को हराया

कोरोना वायरस से पूरा स्वास्थ्य विभाग पहले मोर्चे पर जंग लड़ रहा है, लेकिन लैब टेक्नीशियन सीधे काेराना से खेल रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं अवधेश कुमार यादव। पिछले साल से ही वह कोरोना मरीजों के नमूने ले रहे है। 20 दिन पहले वह संक्रमित हो गए थे लेकिन हिम्मत नहीं हारी और कोरोना को हरा दिया। उसे मात देकर वह पुन: जंग में कूद पड़े हैं। प्रतिदिन लगभग डेढ़ सौ संदिग्धों के नमूने लेते हैं।

चरगांवा स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर ले रहे मरीजाें के नमूने

लैब टेक्नीशियन अवधेश कुमार यादव की पिछले साल दो से 22 जून तक ड्यूटी टीबी अस्पताल में लगाई थी। इसके बाद उनकी तैनाती चरगांवा स्वास्थ्य केंद्र पर की गई है। तभी से वह मरीजों के नमूने ले रहे हैं। इस दौरान संक्रमित होने पर उन्होंने डाक्टरों की सलाह पर दवाओं का नियमित सेवन किया। सुबह-शाम काढ़ा, भाप, गरारा किया। नींबू-पानी का भरपूर उपयोग और फलों-हरी सब्जियों का सेवन किया। रोज शाम को हल्दी मिश्रित दूध लेते रहे। 14 दिन बाद जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने पुन: अपनी ड्यूटी संभाल ली है।

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