कोरोना से बचने की बड़ी 'दवा दे रही छोटी सी 'अंजलि Gorakhpur News

सरस्वती शिशु मंदिर बारघाट में कक्षा छह की छात्रा अंजलि को बढऩीचाफा में मास्क वाली बिटिया कहा जाने लगा है। बकौल अंजलि स्कूल के साथ हर जगह बताया जा रहा था कि कोरोना से सबसे बड़ा बचाव मास्क है लेकिन लोग बिना मास्क के घूम रहे थे।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 02:34 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 02:34 PM (IST)
कोरोना से बचने की बड़ी 'दवा दे रही छोटी सी 'अंजलि Gorakhpur News
घर पर मास्‍क तैयार करती अंजलि, जागरण।

सिद्धार्थनगर, नीलोत्पल दुबे। उम्र छोटी है तो क्या, हौसला बड़ा होना चाहिए। लगन बड़ी होनी चाहिए। इसी हौसले और लगन के बूते कक्षा छह की एक छात्रा कोरोना से बचने का बड़ा हथियार बांटकर महामारी के खिलाफ बड़ी जंग लड़ रही है। चाय की दुकान चलाने वाले की बेटी ने पिछले वर्ष 2000 मास्क सिलकर न केवल मोहल्ले वालों बल्कि जरूरतमंदों को भी बांटा। लोगों ने मास्क वाली बिटिया कहा तो प्रशासन और नगर पंचायत ने भी सम्मानित किया। सम्मान पाकर अंजलि रुकी नहीं, बल्कि दूसरी लहर में भी कोरोना के खिलाफ डटकर खड़ी हो गई हैै। यह छोटी सी बिटिया है बढऩीचाफा बाजार की अंजलि, जिसके पिता रामकेवल गुप्ता तेंदुई बाजार में चाय की दुकान चलाते हैैं।

मास्क वाली बिटिया पड़ा नाम

सरस्वती शिशु मंदिर बारघाट में कक्षा छह की छात्रा अंजलि को बढऩीचाफा में मास्क वाली बिटिया कहा जाने लगा है। बकौल अंजलि, स्कूल के साथ हर जगह बताया जा रहा था कि कोरोना से सबसे बड़ा बचाव मास्क है, लेकिन लोग बिना मास्क के घूम रहे थे। बाजार में मास्क नहीं मिल रहा था। अपने मोहल्ले वालों के लिए एक हजार मास्क तैयार कर बांटा। सबको अच्छा लगा। कुछ लोगों ने सहयोग किया तो और 1000 मास्क सिलकर उन जरूरतमंदों में बांटा गया जो खरीद नही सकते थे। सबने तारीफ की। प्रशासन ने भी सम्मानित किया।

फिर शुरू किया मास्‍क बनाने का काम

अब जब दूसरी लहर शुरू हुई है, अंजलि फिर मास्क बनाने में जुट गई हैैं। इस मुहिम में इस वर्ष अंजलि के साथ उसकी सहेलियां शिखा, मनीषा, रीता के अलावा मोहल्ले की महिला शीतल भी जुड़ गई हैैं। सभी रोज दो घंटे काम कर तीन सौ मास्क तैयार करती हैं। गरीबों को यह मास्क निश्शुल्क बांटा जा रहा है। कुछ मास्क स्थानीय दुकानदार 15 रुपये की दर से खरीदकर ले जा रहे हैैं। इन पैसों से मास्क बनाने का सामान आता है। डुमरियागंज के उपजिलाधिकारी त्रिभुवन का कहना है कि अंजलि ने पिछले वर्ष कई मास्क बनाकर बांटे थे। इस बार उसके साथ और भी लड़कियां और महिलाएं जुड़ गई हैैं। छोटी बच्ची के बड़े हौसले की जितनी तारीफ की जाए, कम है।

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