इस घर में साथ रहता है 41 सदस्‍यों का परिवार, बने हुए हैं नजीर Gorakhpur News

महराजगंज जिले के हरपुर गांव निवासी हनुमान प्रसाद गुप्ता के घर में एक गांव बसता है। चूल्हा- चौका खेती-किसानी सुख-दुख सब साझा। पांच भाइयों का यह कुनबा तीन पीढ़‍ियों का संगम है। घर के 41 सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:30 AM (IST)
इस घर में साथ रहता है 41 सदस्‍यों का परिवार, बने हुए हैं नजीर Gorakhpur News
अपने परिवार के साथ फरेंदा क्षेत्र के हरपुर गांव में बैठे मध्य में हनुमान प्रसाद गुप्ता। जागरण

गोरखपुर, विश्वदीपक त्रिपाठी। यूपी के महराजगंज जिले के हरपुर गांव निवासी हनुमान प्रसाद गुप्ता के घर में एक गांव बसता है। चूल्हा- चौका, खेती-किसानी, सुख-दुख सब साझा। पांच भाइयों का यह कुनबा तीन पीढ़‍ियों का संगम है। घर के 41 सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। परिवार के मुखिया हनुमान प्रसाद की नजर छोटे- बड़े सबकी जरूरतों पर रहती है। यह परिवार में मिले संस्कारों की देन है कि स्वरोजगार व उच्च शिक्षा की बदौलत यह परिवार आज सफलता के पथ पर अग्रसर है। बड़े भाई हनुमान प्रसाद बताते हैं कि भगवानदास, ज्ञानदास, सूर्यपाल व महेश का परिवार आरंभ से ही एक साथ रह रहा है। 10 दिन पूर्व  छोटे भाई भगवानदास का निधन हो गया तो भी परिवार एकजुटता के साथ खड़ा है। परिवार को एक सूत्र में बांधने में सब अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहें हैं। क्षेत्र में यह परिवार नजीर बन चुका है।  सभी इनकी मिसाल देते हैं।

व्यवसाय से जुड़ा है परिवार, खेती है खुशहाली का आधार

हनुमान प्रसाद का परिवार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। किराने की दुकान, राइस मिल, हार्वेस्टर सहित आय के कई स्रोत हैं। सभी भाइयों के बीच 32 एकड़ खेती मिलजुल कर होती है। धान, गेहूं, सरसों आदि के खेत में ही पैदा होने से कभी खाने-पीने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि एक बार के  भोजन में सात किलो चावल व पांच किलों आटे का प्रयोग होता है।

उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे

हरपुर गांव के हनुमान प्रसाद गुप्ता ने कहा कि संयुक्त परिवार में मिले संस्कारों की देन है कि बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। भगवानदास के लड़के शैलेश एमकाम, बीएड हैं तो ज्ञानदास के बेटे रविकुमार ने एमबीए किया है। हनुमान दास के नाती सच्चिदानंद बीएमएस कर रहा हैं तो पोती जीएनएम की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। संयुक्त परिवार के अपने फायदे हैं। सभी सदस्यों के बीच आपसी समन्वय व संतोष हो तो परिवार बिखरने से बच जाएंगे। तीन पीढ़‍ियों से सभी लोग एक साथ रह रहे हैं। आने वाली पीढ़ी भी साथ रहे यही भगवान से प्रार्थना करता हूं।

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