पड़ोस में रहने वाले नशेड़ी दुकानदार ने की थी बच्चे की हत्या Gorakhpur News
आलोक के शव के पास पुलिस को शराब की बोतल मिली थी। पकड़े गए आरोपित के घर की तलाशी लेने पर शराब की बोतल की ढक्कन और खून से सना तौलिया मिला। आलोक की हत्या पड़ोस में रहने वाले दुकानदार ने की थी।
गोरखपुर, जेएनएन। बांसगांव के विशुनपुर में सात वर्षीय आलोक की हत्या पड़ोस में रहने वाले दुकानदार ने की थी। पुलिस ने उसे दबोच लिया।इस मामले में स्थानीय पुलिस ने खूब लापरवाही बरती। सूचना के बाद पुलिस ना तो मौके पर पहुंची और ना ही मामला दर्ज किया।शव मिलने के बाद आनन-फानन में अपहरण का केस दर्ज किया गया।स्वजन का आरोप है कि अगर पुलिस सक्रिय होती तो आलोक की हत्या न होती।
विशनुपुर गांव निवासी ब्रह्मानंद का सात वर्षीय बेटा आलोक चार मई की शाम को गायब हुआ था। खोजबीन करने के बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई मौके पर नहीं गया। परिवार के लोग कौड़ीराम चौकी और थाने का चक्कर लगाते रह गए। गुरुवार को जिस समय आलोक का शव गांव में मिला उस समय भी पिता ब्रह्मानंद, चाचा शिवकुमार पुलिस चौकी पर ही बैठे थे। आलोक दो भाइयों के बीच तीन लड़कियों में इकलौता था। उसकी हत्या के बाद घर का चिराग बुझ गया। चाऊमीन की दुकान चलाने वाला हत्यारोपित ब्रह्मनंद के पड़ोस में ही रहता है। बांसगांव पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
चालीस घंटे लग गए मुकदमा दर्ज करने में
पुलिस को मुकदमा दर्ज करने में 40 घंटे लग गए। स्वजन का आरोप है कि शव मिलने के बाद अपहरण का केस दर्ज हुआ। उन्होंने गुमशुदगी की पंफलेट भी छपवा कर दिया था। लेकिन उसको भी प्रसारित नहीं किया गया।
शव के पास बोतल और आरोपित घर में मिला ढक्कन
आलोक के शव के पास पुलिस को शराब की बोतल मिली थी। पकड़े गए आरोपित के घर की तलाशी लेने पर शराब की बोतल की ढक्कन और खून से सना तौलिया मिला।
अक्सर आरोपित के घर जाता था आलोक
ब्रह्मनंद ने बताया कि आरोपित के घर अक्सर आलोक जाता था। घटना के दिन सबको पता था कि वह उसी के घर से गायब हुआ है।वह लोग आरोपित के घर के अंदर तलाश करने की कोशिश कर रहे थे।लेकिन उसके घरवालों ने सहयोग नहीं किया। जिस कमरे में आलोक को बंद किया था उसमें बाहर से ताला लगा दिया था।
चाऊमीन की दुकान चलाता है आरोपित
मासूम की हत्या करने वाले आरोपित की शादी नहीं हुई है। वह कौड़ीराम में चाऊमीन की दुकान चलाता था।कोरोना कफ्र्यू की वजह से गांव में ही दुकान चला रहा था।गांव के लोगों ने बताया कि वह नशे का आदी है।
थानेदार ने कहा जांच के बाद दर्ज हुआ केस
चौकी प्रभारी कौड़ीराम रतन कुमार पांडेय से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। प्रभारी निरीक्षक बांसगांव राणा देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लेकर मामले की तहकीकात की जा रही है। 40 घंटे बाद अपहरण का केस दर्ज होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चौकी प्रभारी की जांच के बाद मामला दर्ज किया गया। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि बांसगांव पुलिस की लापरवाही बरतने की जांच कराई जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई होगी।