गोरखपुर के एक डाक्‍टर को पानी बचाने का जुनून, धरती को इस तरह से वापस करते हैं पानी Gorakhpur News

डा.बीबी गुप्ता की पत्नी रंजू गुप्ता कहती हैं कि जिन स्थानों पर पानी की उपलब्धता बहुत कम है वहां एक-एक बूंद के लिए लोग तरसते हैं। देश के कई प्रदेशों में पानी के लिए लोगों के घर छोडऩे की जानकारी जब मिलती है तो बड़ा दुख होता है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 05:36 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 06:49 PM (IST)
गोरखपुर के एक डाक्‍टर को पानी बचाने का जुनून, धरती को इस तरह से वापस करते हैं पानी Gorakhpur News
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बारिश के पानी संरक्षित करने के लिए टंकी को दिखाती रंजू गुप्ता। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। वरिष्ठ बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा.बीबी गुप्ता को पानी बचाने का जुनून है। घर की छत पर गिरने वाले बारिश के पानी के साथ ही घर के अंदर इस्तेमाल होने वाले पानी को बेकार नहीं होने देते। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिये हर साल तीन लाख लीटर से ज्यादा पानी भूगर्भ को वापस करते हैं।

शाहपुर थाने के बगल में डाक्टर्स एन्क्लेव है। डा.बीबी गुप्ता परिवार के साथ यहीं रहते हैं। डा.गुप्ता बताते हैं कि दैनिक जागरण में जल संरक्षण को लेकर चलने वाली मुहिम ने उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए प्रेरित किया। जल बचाने के अभियान से जुड़े लोगों से उन्होंने पूरी तकनीक समझी। इसके बाद इस अभियान में खुद जुट गए। दो साल पहले उन्होंने घर में पूरा सिस्टम लगवाया।

महसूस किया पानी के लिए परेशान लोगों का दर्द

डा.बीबी गुप्ता की पत्नी रंजू गुप्ता कहती हैं कि जिन स्थानों पर पानी की उपलब्धता बहुत कम है, वहां एक-एक बूंद के लिए लोग तरसते हैं। देश के कई प्रदेशों में पानी के लिए लोगों के घर छोडऩे की जानकारी जब मिलती है तो बड़ा दुख होता है। ऐसा नहीं है कि उन स्थानों पर कभी पानी नहीं रहा होगा। पानी रहा होगा, लेकिन लोगों ने पानी का महत्व नहीं समझा और बर्बाद करते रहे। अब पानी के लिए उन स्थानों के नागरिकों को भटकना पड़ रहा है। पूर्वांचल में भले ही भूगर्भ जल का स्तर बहुत नीचे नहीं पहुंचा है, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति न आए इसके लिए हमें अभी से चेत जाना होगा।

जमीन में 40 फीट अंदर जाता है पानी

डा.बीबी गुप्ता के 25 सौ वर्गफीट में फैले छत से पाइप के रास्ते बारिश और घर का पानी तीन टंकियों से होकर 40 फीट नीचे जमीन में जाता है। दो टंकियों में पानी शुद्ध किया जाता है और वहां से तीसरी बड़ी टंकी में पानी जाता है। इस टंकी में रिवर्स बोरिंग के जरिये पानी 40 फीट नीचे जाता है। 

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