Electricity corporation: 17 लाख उपभोक्ता, बिल बना 35 हजार का

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देश के बाद बिजली निगम के अफसर बिलिंग एजेंसी का पूरा डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने कम बिल बनाने पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। बीएसआइटीएस कंपनी वर्ष 2018 से मीटर रीडिंग कर रही है।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 02:36 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 02:36 PM (IST)
Electricity corporation: 17 लाख उपभोक्ता, बिल बना 35 हजार का
बिजली बिल के संबंध में बिजली मीटर का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। मंडल के 17 लाख 22 हजार उपभोक्ताओं के घर पहुंचकर बिजली का बिल बनाने में बिलिंग एजेंसी बिजनेस कंसल्टिंग एंड आइटी सोल्यूशंस (बीएसआइटीएस) फेल हो गई है। नवंबर 2020 में सिर्फ 25 हजार उपभोक्ताओं का प्रोब आधारित बिल बनाने वाली एजेंसी के कर्मचारी दिसंबर 2020 में 35 हजार 558 बिल ही बना सके। अब ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देश के बाद बिजली निगम के अफसर बिलिंग एजेंसी का पूरा डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने कम बिल बनाने पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

बीएसआइटीएस कंपनी वर्ष 2018 से मीटर रीडिंग कर रही है। कंपनी के ज्यादातर कर्मचारी घर बैठे बिल बनाते हैं इस कारण बिल में गड़बड़ी की शिकायत लेकर उपभोक्ताओं को अफसरों का चक्कर काटना पड़ता है।

ब्लैक लिस्टेड करने की हो चुकी है सिफारिश

बीएसआइटीएस की खराब कार्यप्रणाली से नाराज अफसरों ने कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की सिफारिश की थी। हालांकि बिजली निगम के अफसरों ने सुधार का मौका देकर कार्रवाई को रोक दिया।

बरहज में सिर्फ 313 बिल बने

देवरिया जिले के बरहज खंड में 32 हजार 299 उपभोक्ताओं का प्रोब आधारित बिल बनना था। 31 दिसंबर 2020 तक बिलिंग कंपनी के कर्मचारी सिर्फ 313 उपभोक्ताओं का ही बिल बना सके। कुशीनगर के पडरौना में एक लाख तीन हजार 310 उपभोक्ताओं का बिल बनना था लेकिन कंपनी 501 का ही प्रोब आधारित बिल बना सकी। देवरिया के गौरी बाजार खंड में एक लाख 12 हजार 623 उपभोक्ताओं में से 673, कुशीनगर के हाटा खंड में एक लाख 34 हजार 933 उपभोक्ताओं में से 695 और गोरखपुर के सिकरीगंज में 73 हजार 141 उपभोक्ताओं में से सिर्फ 1045 उपभोक्ताओं का ही प्रोब आधारित बिल बन सका।

इसलिए जरूरी है प्रोब आधारित बिल

बिजली निगम के मीटर को प्रोब के जरिये रीडर के पास मौजूद हैंडहेल्ड मशीन से जोड़ा जाता है। इससे मीटर में अब तक चली वास्तविक रीडिंग, कनेक्शन पर बिजली की वर्तमान मांग और निर्धारित मांग की जानकारी मिल जाती है। इससे रीडिंग तो ठीक रहती ही है, यदि उपभोक्ता के कनेक्शन पर लोड ज्यादा है तो जुर्माना के रूप में बिजली निगम को अतिरिक्त आय भी होती है। मुख्‍य अभियंता देवेंद्र सिंह का कहना है कि बिलिंग कंपनी को प्रोब आधारित बिल बनाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसकी मानीटङ्क्षरग की जा रही है।

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