गोरखपुर में 24 घंटे में 98 मिमी बारिश, गीडा की कई फैक्ट्रियों में पानी भरा

गोरखपुर में 24 घंटे में करीब 98 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जिससे गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में पानी भर गया है। कपड़े के दोनों प्रासेस हाउस अंबे प्रासेसर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं बथवाल उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में पानी घुस गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 08:30 AM (IST)
गोरखपुर में 24 घंटे में 98 मिमी बारिश, गीडा की कई फैक्ट्रियों में पानी भरा
गीडा की एक फैक्‍ट्री में लगा बरसात का पानी। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गुरुवार को हुई भारी बारिश ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के उद्यमियों को काफी नुकसान पहुंचाया है। कई फैक्ट्रियों में पानी घुस जाने के कारण तैयार माल एवं बिजली से जुड़े सामान खराब हो गए हैं। इस नुकसान से उद्यमियों में काफी नाराजगी है। उन्होंने इसके लिए गीडा प्रबंधन के रवैये को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बरसात के समय नाली बनाने से जल निकासी की व्यवस्था नहीं रह गई थी, जिससे यह स्थिति पैदा हुई। गीडा प्रबंधन का कहना है कि नाला निर्माण बहुत पहले से चल रहा है। बारिश बहुत अधिक हुई है, जिससे यह स्थिति पैदा हुई। उद्यमियों को राहत देने के लिए पंप एवं जेसीबी लगाकर जल निकासी करायी जा रही है।

24 घंटे में र‍िकार्ड बार‍िश

24 घंटे में करीब 98 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जिससे गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में पानी भर गया है। इस क्षेत्र में फैक्ट्री के भीतर पानी नहीं भरा था। कपड़े के दोनों प्रासेस हाउस अंबे प्रासेसर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं बथवाल उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में पानी घुस गया, जिससे दोनों प्रासेस हाउस को गुरुवार को बंद करना पड़ा। अंबे प्रासेस हाउस के प्रबंधक ने बताया कि पानी में भीगने से करीब एक लाख मीटर कपड़ा खराब हो गया है। इसके साथ ही वेल इंडिया, मोदी केमिकल्स एवं विनायक उद्योग सहित कई अन्य फैक्ट्रियों में भी पानी घुस जाने से काम बंद रहा। फैक्ट्रियों के मोटर, बिजली के सामान एवं कच्चे व तैयार माल खराब हो गए हैं।

हर साल होती है जलभराव की समस्‍या

उद्यमी आशीष खेतान ने बताया कि उनकी फैक्ट्री के सामने पिछले 12 साल से सड़क व नाली में पानी भर जाता है। हर साल माल खराब हो जाता है। हर साल शिकायत करने के बावजूद समाधान नहीं होता। प्रशासन पर तंज कसते हुए राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि वे लोग बाढ़ पीड़ित हो चुके हैं, उन्हें भी राहत सामग्री देनी चाहिए। उद्यमी अशोक शाव का कहना है कि जबसे उन्होंने फैक्ट्री लगाई है, तब से सामने के नाले को मुख्य नाले से नहीं जोड़ा गया। जिसके कारण हर साल बरसात का पानी फैक्ट्री में आने का खतरा रहता है। इस साल तो पानी के साथ मछलियां भी फैक्ट्री के भीतर आ गई हैं जिससे दुर्गंध फैल गई है। उद्योग बंधु की बैठक में यह मामला उठाया जाता है लेकिन कोई समाधान नहीं होता। जेठू जी एग्रो के प्रबंधक ने बताया कि नाली बंद होने से बारिश का पानी फैक्ट्री परिसर में घुस गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कर्मचारियों के कक्ष में भी पानी चला गया है। बरसात के समय नाली बनवाना गलत है।

गीडा का हृदय स्थल कहा जाने वाला सेक्टर 13 बरसात में जलमग्न हो जाता है लेकिन इस बार पानी फैक्ट्रियों में घुस गया। गीडा के अधिकारियों से शिकायत की जाती है लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता है। मरम्मत के नाम पर हर साल खर्च किया जाता है लेकिन समाधान नहीं होता। नाली बनाते समय पुरानी नाली को बंद कर दिया गया है, जिससे पानी निकलने का रास्ता नहीं है। - दीपक कारीवाल, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती।

गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में जल जमाव हो गया है जिससे उद्यमियों को काफी नुकसान हुआ है। कई बार मना किया गया कि बरसात के समय नाली न बनवाई जाए। नाली बनाते समय पुरानी नाली का प्रवाह रोक दिया गया है। ठीकेदार को पंप से पानी निकालना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब उद्यमियों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा?

बुधवार की रात भारी बारिश हुई है। जहां कभी जल जमाव नहीं होता था, वहां भी पानी भर गया है। सुबह से ही जेसीबी एवं पंप लगाकर पानी निकलवाया जा रहा है। काफी हद तक राहत मिल गई है। वहां नाले का निर्माण इधर शुरू नहीं हुआ बल्कि बहुत पहले से किया जा रहा है। नाले का निर्माण होना भी जरूरी है। - पवन अग्रवाल, सीईओ गीडा

मंडलायुक्त से मिले उद्यमी, बताई समस्या

चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजितसरिया के नेतृत्व में उद्यमियों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार की शाम को मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी से मिला। चैंबर के महासचिव प्रवीण मोदी ने बताया कि मंडलायुक्त के सामने उद्यमियों की समस्या रखी गई। मंडलायुक्त को बताया गया कि बरसात के समय नाली का निर्माण कराया जा रहा है जबकि यह समय उपयुक्त नहीं है। गीडा में खड़े होने वाले टैंकरों से होने वाली परेशानी के बारे में भी मंडलायुक्त को अवगत कराया गया। उद्यमियों ने बिजली की ट्रिपिंग से होने वाली समस्या को भी उठाया। मंडलायुक्त ने समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया है।

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