गोरखपुर से संचालित होंगे यूपी के 94 आयुष महाविद्यालय, एक तरह के होंगे सभी के पाठ्यक्रम
यूपी के 94 आयुष महाविद्यालय अभी अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। इसलिए सभी के पाठ्यक्रम अलग-अलग हैं। गोरखपुर में खुल रहे आयुष विश्विवद्यालय से सभी महाविद्यालय जुड़ जाएंगे। इससे प्रवेश परीक्षा व शैक्षणिक सत्र नियमित होने के साथ ही डिप्लोमा व डिग्री की अवधि तथा पाठ्यक्रमों में एकरूपता आएगी।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। उत्तर प्रदेश में 94 आयुष महाविद्यालय हैं। सभी अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। इसलिए सभी के पाठ्यक्रम अलग-अलग हैं। गोरखपुर में खुल रहे प्रदेश के पहले आयुष विश्विवद्यालय से सभी महाविद्यालय जुड़ जाएंगे और गोरखपुर से ही संचालित होंगे। इससे प्रवेश, परीक्षा व शैक्षणिक सत्र नियमित होने के साथ ही डिप्लोमा व डिग्री की अवधि तथा पाठ्यक्रमों में एकरूपता आएगी।
प्रदेश में 67 आयुर्वेदिक, 15 यूनानी व 12 होम्योपैथिक महाविद्यालय
प्रदेश में 67 आयुर्वेदिक, 15 यूनानी व 12 होम्योपैथिक सरकारी व निजी महाविद्यालय हैं। सभी कानपुर, लखनऊ व आगरा के विश्वविद्यालयों से संचालित होते हैं। सभी अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध होने के कारण इनके शैक्षणिक सत्रों को नियमित करना, समय से परीक्षा कराना तथा प्रवेश व नवीन पाठ्यक्रमों को प्रारंभ किए जाने में दिक्कतें आती हैं। अब सभी महाविद्यालयों के आयुष विश्विद्यालय से जुड़ जाने से सभी कार्यों में एकरूपता आ जाएगी।
आयुष विश्विविद्यालय खुलने के फायदे
आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी व सिद्धा चिकित्सा पद्धतियों का विकास।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में भी दक्ष होंगे छात्र-छात्राएं।
विभिन्न बीमारियों पर होगा शोध।
प्रदेश के आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी के सभी महाविद्यालयों का संबद्धीकरण।
प्रदेश में आयुष महाविद्यालय
विधा सरकारी निजी
आयुर्वेद 08 59
यूनानी 02 13
होम्योपैथी 09 03
आयुष विश्वविद्यालय के बारे में
गोरखपुर-महराजगंज रोड पर भटहट से दो किमी दूर ग्राम पिपरी में 21.173 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है।
कुल लागत 299.8783 करोड़ रुपये का आंकलन कर शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
लखनऊ में मानचित्र तैयार करने का कार्य शुरू हो चुका है।
बाउंड्री वाल तैयार कराने के लिए 2.40 करोड़ रुपये शासन ने भेज दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर में खुलने वाला आयुष विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश की पहचान बनेगा। बाउंड्री वाल के लिए शासन ने 2.40 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। कार्यदायी संस्था पीडब्लूडी को बनाया गया है। - डा. प्रकाश चंद्र, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी