रेड राट की जद में 887 एकड़ गन्ने की फसल

जिले में 18 हजार हेक्टेयर गन्ने का रकबा है। निचलौल तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक गन्ने की खेती की जाती है। पिछले दिनों आई बाढ़ में करीब 887 हेक्टेयर गन्ने की फसल प्रभावित हुई है। पानी उतरने के बाद उन फसलों में रेड राट के लक्षण दिखने शुरू हो गए ।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:10 AM (IST)
रेड राट की जद में 887 एकड़ गन्ने की फसल
रेड राट की जद में 887 एकड़ गन्ने की फसल

महराजगंज: जिले में करीब 887 एकड़ गन्ने की फसल लाल सड़न रोग (रेड राट) की जद में आ गई हैं। खड़ी फसल में रोग देख किसानों की चिता बढ़ गई है। किसानों की शिकायतों के बाद अब गन्ना विभाग ने सर्वेक्षण तो शुरू कर दिया है, लेकिन इसका मुआवजा कौन देगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

इस बार जिले में 18 हजार हेक्टेयर गन्ने का रकबा है। निचलौल तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक गन्ने की खेती की जाती है। पिछले दिनों आई बाढ़ में करीब 887 हेक्टेयर गन्ने की फसल प्रभावित हुई है। पानी उतरने के बाद उन फसलों में रेड राट के लक्षण दिखने शुरू हो गए । बीमारी से सूख रही फसल को अब किसानों को मजबूरन अपने ही हाथों काटकर जमींदोज करना पड़ेगा। क्या है रेड राट

इस रोग की पहचान यह है कि गन्ने को चीरने पर वह अंदर से लाल निकलता है और उसमें से शराब जैसी गंध आती है। गन्ने की फसल में एक बार यह रोग लगने के बाद उसे जड़ से समाप्त करने के लिए न सिर्फ उसकी पेड़ी को समाप्त करना पड़ता है , बल्कि उसकी जड़ों में उपचार के लिए चार सौ ग्राम बेवीस्टीन दवा पानी के साथ मिलाकर डालनी होता है। किसानों की प्रतिक्रिया

मंगल छपरा के जनार्दन ने बताया कि किसानों की गाढ़ी कमाई रोग लगने से बर्बाद हो गई, लेकिन इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। कई किसानों ने फसल बीमा कराया था, लेकिन अब बीमा कंपनियों से भी कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।

हेवती के उमापति मिश्रा ने बताया कि चार एकड़ गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग लगने से चिता बढ़ गई है। रोग लगने के बाद यह फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है । इसे न तो मिल लेती है और न ही क्रसर।

हेवती के कमल किशोर तिवारी ने बताया कि इस वर्ष पांच एकड़ गन्ने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। सूचना देने के बाद भी गन्ना विभाग द्वारा सर्वे नहीं कराया जा रहा है। सरकार को फसल का मुआवजा देना चाहिए।

खेसरारी के राज कुमार यादव ने बताया कि बाढ़ के पानी में डूबने से गन्ने की फसल में यह रोग हर बार लगता है। किसानों की इस समस्या के लिए सरकार को गंभीर कदम उठाना चाहिए।

''लाल सड़न रोग में गन्ने की फसल बर्बाद होने की सूचना है। अबतक के सर्वे में करीब 600 हेक्टेयर फसल में रोग की पुष्टि हुई है। फसलों का सर्वे कराकर उसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।

-जगदीश यादव, जिला गन्ना अधिकारी, महराजगंज

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