बजट खपाने को ट्रांसफर हुए 65 करोड़
अवकाश में भी खुले रहे कार्यालय रिकार्ड दुरुस्त करने में सभी विभागों में जुटे रहे अधिकारी कर्मचारी
महराजगंज: वित्तीय वर्ष के आखिरी दौर में बजट खपाने के लिए विभागों में माथा पच्ची होती रही। पिछले दस दिनों में कोषागार से विभिन्न विभागों को 65 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। जबकि एक मार्च से अब तक 177 करोड़ 11 लाख, 45 हजार 42 रुपये विभन्न विभागों के बिल का भुगतान किया गया है। कोशिश यही थी कि विभाग का बजट पूरी तरह से खप जाए। यही वजह रही कि पूरे दिन अधिकारी रिकार्डो को दुरुस्त करने की मशक्कत करते रहे।
बुधवार के दिन वित्तीय वर्ष अलविदा हो रहा है। फाइनेंस ईयर का आखिरी दौर होने के कारण होली के दूसरे दिन अवकाश के बाद भी मंगलवार को दफ्तरों के ताले खुले रहे। हालांकि वित्तीय साल के समापन की तैयारी तो मार्च के शुरुआत से ही चल पड़ी थी। तारीखें बढ़ने के साथ ही रिकार्डो को बनाने और बजट खपाने का काम भी लगातार जोर पकड़ता रहा। इसलिए अधिकारी, कर्मचारी पहले से ही तैयारी में जुटे रहे और दफ्तरों में लाखों-करोड़ों के बजट को खर्च करने में माथा-पच्ची करते रहे। विकास भवन में सभी कार्यालय खुले रहें। तमाम बड़ी स्कीमों की प्रगति के साथ ही उसके खर्च का चिट्ठा तैयार करने में सारे दिन कड़ी मशक्कत चलती रही। इसके अलावा कलेक्ट्रेट में भी ट्रेजरी सहित कई दफ्तरों में कर्मचारी काम में पूरी तरह से मशगूल दिखाई दिए। साल भर से बजट दबाए बैठे कई विभागों ने साल के अंतिम चरण में पूरी कोशिश लगा दी कि किसी तरह से बजट खप जाए।
ट्रेजरी में लेखाकार सतीश दुबे, महेंद्र सिंह, दिलीप श्रीवास्तव आदि कार्य निपटाने में जुटे रहे। मुख्य कोषाधिकारी शालीग्राम ने बताया कि मार्च में 177 करोड़ 11 लाख, 45 हजार 42 रुपये विभन्न विभागों के बिल का भुगतान किया गया है। इसमें 20 मार्च से अब तक के 65 करोड़ रुपये शामिल है। मार्च माह में 13 करोड़ 18 लाख आठ हजार 459 रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है। बुधवार को भी कार्यालय खुले रहेंगे। इस दिन विभागों के बिल का भुगतान और राजस्व प्राप्ति का भी कार्य किया जाएगा। इन विभागों का हुआ भुगतान
विकास विभाग, डीआरडीए, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय, सिचाई विभाग, नलकूप, पंचायती राज विभाग, कलेक्ट्रेट, आरइएस, इंडो-नेपाल बार्डर, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य शिक्षा विभाग का भुगतान हुआ है।