ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहे 60 फीसद बच्चे

सरकारी स्कूलों में शिक्षक गपशप में काटते हैं समय।

By Edited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 10:06 PM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहे 60 फीसद बच्चे
ऑनलाइन पढ़ाई से दूर रहे 60 फीसद बच्चे

जागरण संवाददाता, बस्ती : कोरोना संक्रमण के चलते 31 अगस्त तक सभी स्कूल, कालेज व शैक्षणिक संस्थाएं बंद हैं। शिक्षकों को स्कूल की जिम्मेदारियों से मुक्त नहीं किया गया और वह नियमित स्कूल जा भी रहे हैं। यह समय वह पढ़ने पढ़ाने की जगह गपशप में ही जाया कर रहे हैं। स्मार्ट फोन व डाटा की अनुपलब्धता के चलते साठ फीसद से अधिक बच्चे इस व्यवस्था से दूर रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई का जो छात्र हिस्सा बने हैं उनके भी यह पढ़ाई पल्ले नहीं पड़ रही हैं। ऑनलाइन क्लासेज से जुड़ने के लिए बच्चों के पास जो संसाधन होने चाहिए वह नहीं हैं,यह सबसे बड़ी बाधा है। परिषदीय स्कूलों की बात करें तो बच्चों का पाठ्यक्रम किताबों में ही सिमट कर रह गया है। वैसे शिक्षकों को मिशन प्रेरणा के जरिये ऑनलाइन शिक्षण कार्य के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या सबको परेशान किए है। माध्यमिक स्कूलों की बात करें तो यहां भी हाईस्कूल व इंटर की कक्षाएं नहीं चल पा रही हैं। इसमें पढ़ने वाले अधिकतर छात्र कमजोर वर्ग के हैं। इस तरह इंटर कालेजों में भी ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था अपर्याप्त है। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 15 फीसद बच्चे ही आनलाइन क्लासेज से जुड़ सके हैं। शेष वंचित हैं। स्कूलों में परीक्षा,प्रवेश आदि की तैयारी के साथ ही फीस भी जमा कराए जा रहे हैं। बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि शिक्षकों को मिशन प्रेणा से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे बच्चों को पढ़ाने में जो समस्या थी,वह दूर हो जाएगी। जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं है,उनके पास विभाग की कोई व्यवस्था नहीं है। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. बृजभूषण मौर्य के अनुसार इंटर कालेजों में ऑनलाइन शिक्षा के लिए निर्देश दिए गए हैं। बच्चों के पास स्मार्ट फोन न होने की समस्या आ रही है। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के मंडलीय महामंत्री योगेश शुक्ल ने बताया कि राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अधिकांश गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। अभिभावक अपने बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन के लिए डाटा पैक सहित स्मार्ट फोन नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं। इस कारण तमाम छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित हो रहे हैं। इससे कई ऐसे बच्चों के मनोबल पर भी बुरा असर पड़ रहा है, जो सामान्य दिनों में अपनी कक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं। प्रधानाध्यापक सर्वेष्ट मिश्र ने बताया कि आदर्श प्राथमिक विद्यालय मूड़घाट में मार्च से ही ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। 120 बच्चों के अभिभावक के मोबाइल नंबर से आओ घर बैठे सीखें नाम से एक वाट्सएप समूह बनाया गया है। जिसमें प्रतिदिन विद्यालय के सभी शिक्षक अपने कक्षा व विषयवार पाठ्यपुस्तकों के कंटेट तैयार कर वीडियो क्लिप तैयार कर ग्रुप में भेजते हैं। बच्चों को गृह कार्य दिए जाते हैं जिसे बच्चे करके वापस समूह में भेजते है और शिक्षक उसे जांच कर पुन: समूह में भेज देते हैं। पें¨टग व लेखन की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। अभिभावक श्रीकांत शुक्ल का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षा से बच्चे बहुत प्रभावित नहीं है। काफी मेहनत के बाद भी बच्चे उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जो मैसेज आनलाइन पढ़ाई के लिए ग्रुप में डाला जाता है, उसे सीन नहीं करते। मोबाइल में पढ़ने से दिक्कतें भी आ रही हैं। बच्चे मोबाइल का दुरुपयोग कर रहे हैं। अधिकतर बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो किसी के पास मोबाइल डाटा नहीं रहता।

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