कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान की राह में रोड़ा बने 49 मकान

एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्वीट कर कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शीघ्र उड़ान शुरू करने की ओर इशारा कर रहे हैं तो दूसरी ओर उड़ान की राह में 49 मकानों की भूमि का मामला रोड़ा बनकर खड़ा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:56 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:56 AM (IST)
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान की राह में रोड़ा बने 49 मकान
कुशीनगर स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का रन-वे। जागरण

गोरखपुर, अजय कुमार शुक्ल : एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्वीट कर कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शीघ्र उड़ान शुरू करने की ओर इशारा कर रहे हैं तो दूसरी ओर उड़ान की राह में 49 मकानों की भूमि का मामला रोड़ा बनकर खड़ा है। भवन स्वामी भूमि के बदले जमीन की मांग कर रहे हैं तो शासन मुआवजा देने की बात कर रहा है। पिछले छह महीने से बात मुआवजे पर अटकी है तो इससे संबंधित फाइल शासन में लटकी हुई है। सीएम के ट्वीट के बाद एक बार शासन-प्रशासन ने मामले के निस्तारण को लेकर तेजी दिखानी शुरू कर है।

अवरोध दूर करने को लेकर नहीं निकल सका कोई सार्थक हल

दरअसल, एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने को लेकर बार-बार सरकार व प्रशासन की घोषणाओं के शोर के बीच इस अवरोध को दूर करने को लेकर कोई सार्थक हल ही नहीं निकल सका। उड़ान के लिए एयरपोर्ट अथार्टी द्वारा खींचे गए खाका की परिधि में भलुही मदारपट्टी और बेलवां दुर्गा राय गांव के छोटे-बड़े 49 मकान आ रहे हैं। इनको हटाने के लिए प्रशासन ने पहल की तो ग्रामीण मकान के बदले मुआवजा लेने को तैयार हो गए, लेकिन मकान की भूमि के बदले जमीन की मांग रखी। इससे संबंधित रिपोर्ट लगभग छह माह पूर्व प्रशासन द्वारा शासन को भेजी गई तो मकान का मुआवजा भी आ गया, लेकिन जमीन के बदले भूमि देने से इन्कार कर दिया गया। इसका भी मुआवजा देने की बात कही गई। बात यहां अटकी तो आगे बढ़ ही नहीं सकी। अब ऐसे में उड़ान होना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा है।

मकान हटे बिना उड़ान संभव नहीं : एके द्विवेदी

कुशीनगर एयरपोर्ट के डायरेक्टर एके द्विवेदी ने बताया कि चिह्नित मकानों को हटाना जरूरी है। इनके हटने के बाद ही उड़ान संभव हो सकेगी, क्योंकि यह सभी जहाज के अप्रोच में आएंगे।

मुआवजे के लिए भेजा गया है पुन: प्रस्ताव

जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि भूमि के बदले भूमि देने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, जिस पर अनुमति नहीं मिली। अब नए सिरे से आबादी के हिसाब से मुआवजे के लिए पुन: प्रस्ताव भेजा गया है। उड़ान को लेकर कहीं कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी और ग्रामीणों का भी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। शासन से प्रस्ताव पर संस्तुति के बाद पुन: भवन स्वामियों से बात होगी।

chat bot
आपका साथी