Coronavirus: दिल्ली जाने के लिए पीपीई किट पहनकर ट्रेन में बैठे 4 यात्री Gorakhpur News

यात्री धनंजय का कहना था कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए पीपीई किट पहने हैं। दरअसल कई संक्रमित लोगों में लक्षण भी नहीं दिख रहे। ऐसे में यह उपाय किया गया।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 10:38 AM (IST)
Coronavirus: दिल्ली जाने के लिए पीपीई किट पहनकर ट्रेन में बैठे 4 यात्री Gorakhpur News
Coronavirus: दिल्ली जाने के लिए पीपीई किट पहनकर ट्रेन में बैठे 4 यात्री Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। एक तरफ तमाम बेपरवाह लोग बिना मास्क के सफर कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संक्रमण के डर से हद तक सावधानी बरत रहे हैं। गोरखधाम स्पेशल एक्सप्रेस के एस-4 कोच में चार यात्री कौतूहल का विषय बने थे। कारोबारी सिलसिले में दिल्ली जाना जरूरी है, लेकिन जाने के दौरान बचाव को लेकर उनकी तैयारी भी पूरी है। ये यात्री पर्सनल प्रोजेक्टशन इक्यूपमेंट (पीपीई किट) पहनकर सीट पर बैठे थे।

रास्ते में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पहन लिया किट

यात्री धनंजय का कहना था कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए पीपीई किट पहने हैं। दरअसल, कई संक्रमित लोगों में लक्षण भी नहीं दिख रहे। ऐसे में पता नहीं कौन संक्रमित मिल जाए। हालांकि, बहुत गर्मी हो रही है। ट्रेन चलने के बाद सीट व आसपास के स्थान को सैनिटाइज कर पीपीई किट निकाल देंगे। नई दिल्ली में किट पहनकर ही ट्रेन से उतरेंगे और घर पहुंचकर निकालेंगे। धनंजय ने बताया कि किट पहने वे चारो यात्री एक ही परिवार के हैं। बड़े पिता के निधन पर गांव रहदौली, उरुवा आए थे। लॉकडाउन के बाद गांव पर ही फंसे थे। ट्रेन चलने का इंतजार कर रहे थे। दिल्ली में भी अपना घर है, कारोबार प्रभावित हो रहा है। इसलिए जाना जरूरी है। बता दें कि पीपीई किट अस्पतालों में उपयोग के लिए बनता है। संक्रमण से बचने के लिए पैरामेडिकल स्टाफ व चिकित्सक इसे पहनते हैं।

रास्ते में एसी खराब तो ट्रेन के रुकने का करिए इंतजार

स्पेशल ट्रेनों के चलते ही आम लोगों का आवागमन भी शुरू हो गया है। लेकिन अगर आप गोरखधाम या गोरखपुर- एलटीटी एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रा कर रहे हैं और एसी में कुछ तकनीकी दिक्कत आ गई तो इंतजार करना पड़ेगा। जब ट्रेन रुकेगी तभी एसी मैकेनिक कोच में पहुंच पाएगा।

दरअसल, नई लिंक हाफमैन बुश कोच वाले रेक की अधिकतर ट्रेनों में पॉवरकार के पास जनरल और बीच में एसी कोच लग रहे हैं। आगे वाले पॉवरकार में दो व पीछे वाले पॉवर कार में दो सहित कुल चार एसी मैकेनिक ट्रेन के साथ चलते हैं। पॉवरकार की निगरानी के साथ एसी कोच की देखभाल भी उनके ही जिम्मे होती है। लेकिन रास्ते में एसी खराब होने की सूचना पर भी वे तत्काल मौके पर नहीं पहुंच पाते। पॉवरकार से सटे जनरल कोच होने के चलते उन्हें अंदर से रास्ता नहीं मिल पाता। बोगी में पहुंचने के लिए उन्हें बोगी से उतरना पड़ता है। इसके लिए वे ट्रेन के रुकने की प्रतीक्षा करते हैं। ऐसे में एसी की छोटी समस्या होने पर भी तत्काल दुरुस्त नहीं हो पाती।

पीआरकेएस ने रेलवे बोर्ड को लिखा शिकायती पत्र

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे (एनएफआइआर) के माध्यम से एसी मैकेनिकों की समस्या को बोर्ड तक पहुंचाया है। संबंधित अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखी है। महामंत्री विनोद कुमार राय के अनुसार रेलवे प्रशासन का कहना है कि संरक्षा के चलते ऐसा किया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि बिहार संपर्क क्रांति, वैशाली और राजधानी ट्रेनों में कैसे पॉवरकार के पास एसी कोच लगते हैं। उन्होंने रेलवे बोर्ड और जोनल अधिकारियों से एसी मैकेनिकों व यात्रियों की समस्याओं पर विचार कर समाधान निकालने की मांग की है। 

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