Coronavirus: गोरखपुर में कोरोना के 32 हजार सैंपल का पता नहीं
स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कुल 207541 लोगों का कोरोना जांच के लिए नमूना लिया। इसमें 166540 की जांच हो चुकी है। 4652 खराब हो गए। 3747 नमूने लंबित हैं। 32602 नमूनों का हिसाब पोर्टल पर नहीं दिख रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के 32 हजार से अधिक नमूनों का हिसाब नहीं मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इन्हें जांच के लिए मेडिकल कालेज भेजा था, लेकिन यह न तो वहां पहुंचे न ही वापस लौटे। यह नमूने किसके थे, कब और कहां से लिए गए, इनमें संक्रमण था या नहीं जैसे कई बिंदु विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यह नमूने अगर गायब नहीं भी हुए तो क्या अब लैब में पहुंचने के बाद यह किसी काम लायक रहेंगे, इसका जवाब भी फिलहाल किसी के पास नहीं है।
दो लाख से अधिक सैंपल लिए गए, महज 166540 की हो सकी जांच
स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कुल 207541 लोगों का कोरोना जांच के लिए नमूना लिया। इसमें 166540 की जांच हो चुकी है। 4652 खराब हो गए। 3747 नमूने लंबित हैं। 32602 नमूनों का हिसाब पोर्टल पर नहीं दिख रहा है। लैब में ये नमूने प्राप्त नहीं किए गए, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने भेज दिया। सीएमओ कार्यालय से मेडिकल कॉलेज स्थित जांच केंद्र का रास्ता भी इतना लंबा नहीं है कि नमूने वहां पहुंचने में एक घंटे से अधिक का समय लगे।
अगर ये नमूने गायब नहीं भी हुए तो भी लंबित तो हैं ही। इनकी जांच अभी नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ 3747 नमूनों को लंबित बताकर अपनी पीठ थपथपा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि इनकी संख्या 36349 है। इस बारे में विभाग सचेत भी नहीं है। पोर्टल पर चढ़े आंकड़ों को अंतिम सत्य मान रहा है। जब कुल जांच, खराब हुए व लंबित नमूनों को जोड़कर उन्हें कुल नमूनों में से घटाया गया तो 32602 का अंतर आया। इसके बाद विभाग के भी होश उड़ गए हैं।
खराब हुए 4652 नमूने
अब तक जो नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। उनमें 4652 खराब हो गए हैं। ऐसे मरीजों का पुन: नमूना लिया गया है। सीएमओ ने बताया कि नमूने तीन कारणों से खराब माने जाते हैं। एक तो यदि तीन-चार दिन बाद लैब में पहुंचते हैं, दूसरे यदि बफर (जिसमें नमूने रखे जाते हैं) लीक कर रहा है और तीसरे यदि नमूना मानक से कम है। ऐसे नमूनों को नष्ट कर दिया जाता है।
जांच किए हुए 19 हजार नमूने नदारद
सोमवार को दोपहर 1.15 बजे तक पोर्टल पर अपलोड आंकड़ों के अनुसार 166540 नमूनों की जांच हो चुकी थी। 15146 पॉजिटिव व 132298 नमूनों को निगेटिव दर्शाया गया था। इन्हें जोडऩे पर 147444 आ रहा है, जो कुल जांच के बराबर न होकर 19096 कम है। सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि जिन नमूनों का अंतर दिख रहा है, उनके बारे में पता किया जाएगा। संभव है कि पोर्टल पर अपलोड करने में कोई चूक हुई हो। यह संभव है कि लैब में नमूने पहुंच गए हों। उन्होंने पोर्टल पर प्राप्त नहीं दिखाया हो।