गोरखपुर में 32 बच्‍चों को हार्ट सर्जरी की आवश्‍यकता

डा. शिवशंकर शाही ने बताया कि 32 नए ऐसे बच्‍चे मिले जिन्हें हार्ट सर्जरी की आवश्यकता है। इन बच्‍चों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है। इस मौके पर सहजनवां विधायक शीतल पांडेय नेे आर्थिक रूप से कमजोर बच्‍चों के इलाज में हर संभव मदद की बात कही।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 02:54 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:12 PM (IST)
गोरखपुर में 32 बच्‍चों को हार्ट सर्जरी की आवश्‍यकता
बच्‍चों की हृदय जांच से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। शाही ग्लोबल एडवांस कार्डियक सेंटर, तारामंडल में एक साल बाद पीडियाट्रिक कार्डियोलाजी शिविर आयोजित किया गया। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल, दिल्ली के डा. नीरज अवस्थी ने बच्‍चों की जांच की। 132 बच्‍चों के सेहत की जांच की गई। इनमें ज्यादातर बच्‍चों की सर्जरी पहले ही की चुकी थी। लेकिन कोरोना की वजह से अभिभावक अपने बच्‍चों को दिखा नहीं पाए थे।

डा. शिवशंकर शाही ने बताया कि 32 नए ऐसे बच्‍चे मिले, जिन्हें हार्ट सर्जरी की आवश्यकता है। इन बच्‍चों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है। इस मौके पर सहजनवां विधायक शीतल पांडेय भी उपस्थित थे। उन्होंनेे आर्थिक रूप से कमजोर बच्‍चों के इलाज में हर संभव मदद की बात कही। डा. नीरज ने बताया कि अब तक पूर्वांचल के 126 ब'चों के दिल का आपरेशन निशुल्क किया जा चुका है। इस मौके पर डा. सीमा शाही व हास्पिटल के कर्मचारी उपस्थित थे।

एनिमिया गर्भवती के लिए सर्वाधिक खतरनाक

गर्भवती, धात्री और पांच वर्ष तक ब'चों में एनीमिया की पहचान और उसका समुचित प्रबंधन नितांत आवश्यक है। इसके लिए सरकार द्वारा एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत निश्शुल्क आइएफए (आयरन फोलिक एसिड) संपूर्णन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। गर्भवती के लिए एनीमिया बीमारी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। यह बातें जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल ने कही। उन्होंने कहा कि अगर किसी गर्भवती में हीमोग्लोबिन का स्तर 11 ग्राम प्रति डेसीलीटर या उससे अधिक है तो चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर यह स्तर 11 ग्राम प्रति डेसीलीटर से कम है तो वह एनीमिया की  चपेट में आ सकती है। गर्भवती में हीमोग्लोबिन का स्तर 10 से 10.9 ग्राम प्रति डेसीलीटर होने पर माइल्ड एनीमिया, सात से 9.9 ग्राम प्रति डेसीलीटर होने पर माडरेट एनीमिया और अगर यह सात से भी कम है तो गंभीर एनीमिया का लक्षण है। माइल्ड और माडरेट एनीमिया के मामले में आइएफए की दो गोली रोजाना दी जाती है।

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