Corona effect: गोरखपुर में 2500 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद पर पानी फिरा

गीडा के सेक्टर 13 एवं 15 में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। प्रोजेक्ट के साथ 350 से अधिक उद्यमियों ने इसमें रुचि दिखाई थी। तीन सितंबर 2020 को बेहतर प्रोजेक्ट के आधार पर 68 लोगों को भूखंड आवंटित किए गए।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:29 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:29 PM (IST)
Corona effect: गोरखपुर में 2500 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद पर पानी फिरा
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। आर्थिक गतिविधियों पर भी कोरोना का व्यापक असर पड़ा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में प्रस्तावित करीब 300 करोड़ रुपये के निवेश में कोरोना संक्रमण के कारण देरी हो गई। इस निवेश के जरिए 68 नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होनी थी, जिनमें 2500 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद थी, लेकिन भूखंड आवंटन के नौ माह बाद भी अधिकतर लोगों को कब्जा नहीं मिल पाया है। हालांकि गीडा प्रबंधन का दावा है कि इस महीने के अंत तक लगभग सभी आवंटियों को भूखंड का कब्जा दे दिया जाएगा।

गीडा के सेक्टर 13 एवं 15 में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। प्रोजेक्ट के साथ 350 से अधिक उद्यमियों ने इसमें रुचि दिखाई थी। तीन सितंबर 2020 को बेहतर प्रोजेक्ट के आधार पर 68 लोगों को भूखंड आवंटित किए गए। दावा था कि कुछ महीने में रजिस्ट्री कर कब्जा भी दे दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कोरोना के कारण यहां बिजली, सड़क व जलनिकासी की व्यवस्था करने में दिक्कत आई।

एग्रो प्रोडक्ट से जुड़ी थीं कई फैक्ट्रियां

इस योजना में औद्योगिक इकाई लगाने के लिए भूखंड पाने वाले कई उद्यमियों ने एग्रो प्रोडक्ट बनाने का प्रस्ताव दिया है। कृषि प्रधान इस क्षेत्र में एग्रो से जुड़ी फैक्ट्रियां किसानों को भी फायदा होगा। 68 में से करीब दो दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां इसी से संबंधित थीं। मुंबई में रहने वाले गोरखपुर के एक उद्यमी ने 50 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है।

मिलने लगा कब्जा

आधारभूत संरचना न होने के कारण भूखंड का कब्जा नहीं दिया जा रहा था। यहां भूखंड आवंटन कराने वाली फर्म गोरखपुर आक्सीजन एवं हेल्थ केयर के मानस ङ्क्षसह ने कोरोना के समय आक्सीजन प्लांट लगाने को कहा था, उसके बाद काम में तेजी लाकर कुछ दिनों में उन्हें जमीन चिह्नित कर दे दी गई। उनकी फैक्ट्री का निर्माण भी हो रहा है। मुंबई के युवा उत्कर्ष पाठक भी यहां फैक्ट्री लगाएंगे, लेकिन उन्हें अभी तक जमीन नहीं मिली है। उत्कर्ष का कहना है कि नौ महीने बहुत होते हैं, लेकिन स्थितियां विपरीत थीं। गीडा के ओएसडी से बात हुई है, उन्होंने बताया है कि इस महीने रजिस्ट्री हो सकती है।

गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि 68 उद्यमियों को भूखंड आवंटित किए गए हैं। सड़क, नाली का काम लगभग पूरा हो चुका है। सड़क आने-जाने लायक तैयार है। करीब 10 लोगों को जमीन की रजिस्ट्री भी हो गई। उम्मीद है कि इसी महीने सभी को रजिस्ट्री कर दी जाएगी। उद्यमी अपनी फैक्ट्री लगाने का काम शुरू कर सकेंगे।

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