महराजगंज में ठीकेदार से जुड़ी फर्म से वसूला गया मनरेगा घोटाले के 30 लाख रुपये

मनरेगा में हुए घोटाले में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। ठीकेदार दिनेश मौर्या से जुड़ी फर्म से प्रशासन ने घोटाले का 30 लाख रुपये वसूल कर विभागीय खाते में जमा कराया है। ठीकेदार ने अपनी पत्नी के नाम से अंकित इंटर प्राइजेज फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया था।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 08:15 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 08:15 AM (IST)
महराजगंज में ठीकेदार से जुड़ी फर्म से वसूला गया मनरेगा घोटाले के 30 लाख रुपये
ठीकेदार से जुड़ी फर्म से वसूल किया गया 30 लाख रुपये। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : महराजगंज जिले के परतावल क्षेत्र में मनरेगा में हुए घोटाले में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। ठीकेदार दिनेश मौर्या से जुड़ी फर्म से प्रशासन ने घोटाले का 30 लाख रुपये वसूल कर विभागीय खाते में जमा कराया है। चर्चित ठीकेदार दिनेश ने अपनी पत्नी सुशीला देवी के नाम से अंकित इंटर प्राइजेज फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया था और इसी फर्म से लेन-देन करता था। घोटाले के मामले में तीन आरोपित पहले से ही जेल में है, जबकि ठीकेदार फरार है। लंबे समय बाद भी फरार ठीकेदार दिनेश मौर्या की गिरफ्तारी न करने पर सदर कोतवाली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं।

सीसी रोड के निर्माण में बरती गई थी अनियमितता

मनरेगा योजनांतर्गत परतावल विकास खंड के ग्राम पंचायत परतावल में तिवारी टोला में नहर पुल से संतबारी के घर तक सीसी रोड के निर्माण में अनियमितता बरती गई थी। मामले में दोषियों से धनराशि वसूली का आदेश जारी हुआ था। इस क्रम में मेसर्स अंकित इंटर प्राइजेज की प्रो. सुशीला देवी, सुभाष नगर वार्ड नं. नौ नगर पालिका महराजगंज द्वारा विभागीय खाता में 30 लाख रुपये जमा कराया गया है। मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि 12 लाख मजदूरी, 13 लाख मटेरियल और पांच लाख रुपये जुर्माना की राशि वसूल कर विभागीय खाते में जमा कराई गई है। इस मामले में आरोपित विनय मौर्य, कंप्यूटर आपरेटर शिवराम, ओमप्रकाश पहले से ही जेल में बंद है। ठीकेदार की गिरफ्तार के लिए निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग के आरोपित कर्मचारियों के निलंबन के लिए डीएफओ को पत्र लिखा गया है।

फलैश बैक

वित्तीय वर्ष 2018-19 में परतावल ब्लाक क्षेत्र में मनरेगा से आइडी बनाकर मनरेगाकर्मियों ने वन विभाग की मिलीभगत से निर्माण कार्य के नाम पर 25 लाख 87 हजार 920 रुपये का गबन कर लिया था। इस मामले में शिकायत के बाद बीते 28 जून को बीडीओ परतावल प्रवीण कुमार शुक्ल व वन विभाग के सदर एसडीओ चंदेश्वर सिंह ने तत्कालीन एसडीओ रहे घनश्याम राय, डीएफओ कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर अरविंदद श्रीवास्तव, लेखा लिपिक विंद्रेश कुमार सिंह समेत परतावल ब्लाक के एपीओ विनय कुमार मौर्य व सदर कोतवाली के सतभरिया निवासी ठीकेदार दिनेश मौर्य व एक अज्ञात ठीकेदार पर धोखाधड़ी गबन और आइटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था।

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