संतकबीर नगर के इस ब्‍लाक में खपा दिए गए 2.50 करोड़ रुपये, फ‍िर भी नहीं पहुंचा पानी

संतकबीर नगर के सांथा ब्लाक के बौरब्यास गांव में 2 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से पानी की टंकी का निर्माण जल निगम ने कराया। गांव में पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाई गई लेकिन जिम्मेदारों ने धन खपाने के बाद परियोजना की तरफ पलट कर नहीं देखा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 04:45 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:02 PM (IST)
संतकबीर नगर के इस ब्‍लाक में खपा दिए गए 2.50 करोड़ रुपये, फ‍िर भी नहीं पहुंचा पानी
बौरब्‍यास गांव में ढाई करोड़ रुपये से बनी पानी की टंकी से आज तक सप्‍लाई नहीं हुई। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। क्षेत्र के लाेगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा सके, इसके लिए संतकबीर नगर जिले के सांथा ब्लाक के बौरब्यास गांव में 2 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से पानी की टंकी का निर्माण जल निगम ने कराया। इस परियोजना के माध्यम से बौरब्यास, रैधरपार व महदेवा में पानी पहुंचानी थी। गांव में टोटी से पानी पहुंचाने के लिए पाइपलाइन भी बिछाई गई, लेकिन इस परियोजना का आज तक ट्रायल नहीं किया गया, जिससे अब पानी की टंकी के साथ-साथ गांव में बिछाई गई पाइप तक जर्जर हो रही है, लेकिन जिम्मेदारों ने धन खपाने के बाद परियोजना की तरफ पलट कर नहीं देखा। गांव के लोग अभी भी शुद्ध पेयजल की आस लगाए बैठे है, लेकिन जिम्मेदार खामोश हैं, जिससे लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का सपना सरकार का सफल नहीं हो पा रहा है।

कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली पर खड़े हुए सवाल

बीते वर्ष 2014-15 में परियोजना के लिए धन अवमुक्त होने के बाद कार्यदायी संस्था ने तेजी के साथ कार्य शुरू कराया। टंकी का निर्माण हुआ, पाइपलाइन भी आधी-अधूरी बिछाई गई, लेकिन ट्रायल करने की जहमत तक जिम्मेदारों ने नहीं उठाई। ग्रामीणों की माने तो पूरे काम में मानक की अनदेखी की गई है। ट्रायल होते ही जगह-जगह लीकेज मिलने की आशंका है। इसलिए कार्यदायी संस्था का काम अधूरा छोड़कर रफूचक्कर हो गई। जल निगम के जिम्मेदारों ने भी कार्यदायी संस्था पर काम पूरा करने का दबाव नहीं बनाया।

क्या कहते हैं ग्रामीण

रैधरपार गांव निवासी जयसराम कहते है कि शुद्ध पेयजल पहुंचाने की मंशा पर जिम्मेदार लोग पलीता लगा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों के वश में कुछ है नहीं तो क्या किया जाय। राजदेव का कहना है कि गांव में सरकारी हैंंडपप दूषित जल उगल रहे हैं, लेकिन टंकी से पानी की आपूर्ति कराने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे है। संजय चौरसिया कहते हैं कि जलजनित बीमारियों से बचाव को लेकर आए दिन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है, लेकिन परियोजना पूरा करने पर किसी का ध्यान नहीं है। जमुना कहते है कि पाइप जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो रही है। टंकी भी जर्जर हो रही है, लेकिन एक बूंद पानी आज तक टोटी से नहीं निकला।

गांवों में अभी तक पानी क्‍यों नहीं पहुंचा, की जाएगी जानकारी

सीडीओ अतुल मिश्र ने कहा कि परियोजना का ट्रायल क्यों नहीं किया गया व अभी तक गांव में पानी क्यों नहीं पहुंची, इसकी जानकारी की जाएगी। कार्यदायी संस्था को पत्र लिखकर जल्द से जल्द परियोजना का ट्रायल करते हुए पानी पहुंचाने का निर्देश दिया जाएगा।

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