25 हजार बच्चों को नहीं लग रहा नियमित टीका, बच्चों व गर्भवती का नियमित टीकाकरण शुरू
बच्चों का नियमित टीकाकरण प्रत्येक बुधवार व शनिवार को होता है। इस बार बुधवार व गुरुवार को इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है ताकि बच्चे बीमारियों से सुरक्षित रहें। इसलिए इन दो दिनों कोविड टीकाकरण के लिए बूथ कम कर दिए गए हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : बच्चों का नियमित टीकाकरण प्रत्येक बुधवार व शनिवार को होता है। इस बार बुधवार व गुरुवार को इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है, ताकि बच्चे बीमारियों से सुरक्षित रहें। इसलिए इन दो दिनों कोविड टीकाकरण के लिए बूथ कम कर दिए गए हैं। शहर में केवल तीन जगहों- जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल व बीआरडी मेडिकल कालेज में ही कोरोनारोधी टीका लगाया जा रहा है। सौ से अधिक बूथों पर केवल बच्चों व गर्भवती को नियमित टीका की डोज दी जा रही है।
डोर-टू-डोर सर्वे में पता चला कि नहीं लग रहा बच्चों को नियमित टीका
सात से 12 सितंबर तक डोर टू डोर सर्वे में दो साल तक के लगभग 25 हजार बच्चे ऐसे मिले, जिन्हें नियमित टीका नहीं लगा पाया था और टीका लगाने का समय बीत चुका था। यह डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस आदि बीमारियों का समय चल रहा है। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक बुधवार व शनिवार को पूर्व की भांति नियमित टीकाकरण चलता रहेगा।
जिलाधिकारी ने दिया था निर्देश
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने नियमित टीकाकरण का फीसद बढ़ाने के लिए पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था। उन्होंने कहा था कि इससे अनेक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। इसलिए लगातार प्रयास कर अधिक से अधिक बच्चों व महिलाओं का टीकाकरण किया जाए।
इनका लगता है टीका
नियमित टीकाकरण के अंतर्गत तपेदिक, गलाघोटू, काली खांसी, टिटनेस, पोलियाे, खसरा, रुबेला, हेपेटाइपिस-बी, रोटा वायरस, डायरिया, निमोनिया व जापानी इंसेफ्लाइटिस आदि से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। इसके लिए ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को सतर्क किया गया है और उच्चाधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि कोई बच्चा या गर्भवती नियमित टीकाकरण से वंचित न होने पाए, इसके लिए बुधवार व गुरुवार को अभियान चलाकर लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इसकी निगरानी की जा रही है। साथ ही आशा कार्यकर्ता गांवों में घर-घर जाकर ऐसे बच्चों व गर्भवती को चिह्नित कर रही हैं जो टीकाकरण से वंचित हैं।