कबाड़ घोषित करने वाला था रेलवे, अब स्टेशनों से नहीं हटेंगे 217 कोविड कोच Gorakhpur News

जनवरी और फरवरी 2021 में स्थिति सामान्य होने के बाद रेलवे कोविड कोचों का दोबारा यात्री ट्रेनों में उपयोग करने या कबाड़ घोषित करने का मन बना चुका था। लेकिन रेलवे ने अब अपना विचार बदल दिया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 03:33 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 05:28 PM (IST)
कबाड़ घोषित करने वाला था रेलवे, अब स्टेशनों से नहीं हटेंगे 217 कोविड कोच Gorakhpur News
गोरखपुर में रेवले का कोविड कोच, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशनों पर खड़े कोविड कोच (रक्षक कोच) अब हटाए नहीं जाएंगे। वे यथास्थान खड़े रहेंगे। ताकि, आवश्यकता पडऩे पर उनका उपयोग किया जा सके और राज्य सरकार की मांग पर समय से उपलब्ध कराया जा सके। हालांकि इन्‍हें कबाड़ घोषित करने की तैयारी चल रही थी। रेलवे को एक बारगी लगा कि अब इनका कोई उपयोग नहीं रह गया है, लेकिन अब पता चला कि यह तो बड़े काम के हैं।

कोविड कोचों की साफ-सफाई शुरू, किए जा रहे सैनिटाइज

कोविड-19 से लडऩे की तैयारी के तहत पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कोचों की साफ-सफाई शुरू करा दी है। कोचों को सैनिटाइज किया जा रहा है। दरअसल, रेलवे प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीजों का प्राथमिक इलाज के लिए अप्रैल 2020 में 217 कोविड कोच तैयार कर मुख्यालय गोरखपुर और नकहा जंगल सहित 14 स्टेशनों पर खड़ा कर दिया। ताकि, किसी भी विषम परिस्थिति में कोचों का उपयोग किया जा सके। हालांकि, मऊ जंक्शन पर खड़े कोविड कोच को छोड़कर अन्य का उपयोग नहीं हो पाया। इसके बाद भी कोविड कोच पिछले एक साल से निर्धारित स्टेशनों पर खड़े हैं।

कबाड़ घोषित करने की चल रही थी तैयारी

जनवरी और फरवरी 2021 में स्थिति सामान्य होने के बाद रेलवे कोविड कोचों का दोबारा यात्री ट्रेनों में उपयोग करने या कबाड़ घोषित करने का मन बना चुका था। 20 वर्ष पूरी कर चुकी बोगियों को कबाड़ घोषित करने तथा उससे कम उम्र वाली बोगियों को दुरुस्त कर पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाडिय़ों) के रेक में लगाने की योजना तैयार हो गई थी। लेकिन रेलवे ने अब अपना विचार बदल दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि कोविड कोच अभी स्टेशनों पर यथावत रखे जाएंगे। साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया गया है। राज्य सरकार अगर मांग करती है तो उपलब्ध कराया जाएगा।

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