ढाई साल में रिश्वत लेने की 2110 शिकायत, रिश्वत मांगने में यूपी का यह जिला है नंबर वन
रिश्वत मांगने के मामले में गोंडा जिला एक नंबर पर रहा तो महराजगंज में पुलिसकर्मियों का व्यवहार सबसे अच्छा रहा। जोन में सबसे कम शिकायत महराजगंज जिले से ही मिली। ढाई साल में 28 लोगों ने ही पुलिसकर्मियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए जिसमें 25 झूठी मिली।
गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। पिछले ढाई साल में पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों के रिश्वत लेने की 2110 शिकायत पुलिस अधिकारियों के पास पहुंची। जांच में 1992 शिकायत झूठी पायी गई। 118 मामले की जांच अभी चल रही है। जोन में सबसे अधिक 560 शिकायत गोंडा जिले में हुई। दूसरे नंबर पर कुशीनगर जिला है। रिश्वत के मामलों पर एडीजी ने सख्त रवैया अपनाया है।
एडीजी की समीक्षा में सामने आयी बात, 118 मामलों की चल रही जांच
मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर तारीफ पाने वाली पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगा। एक जनवरी 2019 से जुलाई 2021 तक अधिकारियों के पास रिश्वत लेने के 2110 प्रार्थना पत्र पहुंचे।कंट्रोल रूम प्रभारी व जोन के नोडल अधिकारी ने जांच कराई तो अधिकांश आरोप झूठे निकले।
महराजगंज जिले से सबसे कम शिकायतें मिलीं
महराजगंज जिले में चलने वाली 32 पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों का व्यवहार सबसे अच्छा रहा। जोन में सबसे कम शिकायत महराजगंज जिले से ही मिली। ढाई साल में 28 लोगों ने ही पुलिसकर्मियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए जिसमें 25 झूठी मिली।तीन की जांच अभी चल रही है।
जिला शिकायत निर्दोष लंबित
गोरखपुर 214 198 16
देवरिया 202 197 05
कुशीनगर 307 249 58
महराजगंज 28 25 03
बस्ती 219 213 06
संतकबीरनगर 87 87 00
सिद्वार्थनगर 91 89 02
गोंडा 560 557 03
श्रावस्ती 148 129 19
बहराइच 192 186 06
बलरामपुर 62 62 00
918 पुलिसकर्मियाें का पूरा हो चुका है कार्यकाल
गोरखपुर जोन के 11 जिलों में पीआरवी पर तीन साल से तैनात 918 दारोगा, मुख्य आरक्षी और सिपाही का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इनकी जगह अब दूसरे पुलिसकर्मियों को डायल 112 में भेजने की तैयारी चल रही है।इसके लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों से आवेदन लिया जाएगा।
समीक्षा में गोरखपुर जोन में चलने वाली पीआरवी का रिस्पांस टाइम व कार्य-व्यवहार अच्छा पाया गया है।इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। - अखिल कुमार, एडीजी जोन।