North Eastern Railway: ध्वस्त किए जाएंगे रेलवे के 2106 जर्जर भवन
रेलवे प्रशासन ने मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में कुल 2106 जर्जर भवनों को चिन्हित कर लिया है। रेलवे के दफ्तरों और कालोनियों की मैङ्क्षपग के पहले सभी भवन ध्वस्त कर दिए जाएंगे। उपकरणों का भी निस्तारण हो जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे परिसर में भी अब जर्जर हो चुके (परित्यक्त) भवन और कबाड़ उपकरण नहीं दिखेंगे। महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में कुल 2106 जर्जर भवनों को चिन्हित कर लिया है। रेलवे के दफ्तरों और कालोनियों की मैङ्क्षपग के पहले सभी भवन ध्वस्त कर दिए जाएंगे। उपकरणों का भी निस्तारण हो जाएगा।
अराजकतत्वों का पनाहगार है जर्जर भवन
दरअसल, रेलवे प्रशासन उम्र पूरी हो जाने के बाद भवनों, बंगलों, क्वार्टरों, पानी की टंकियों का उपयोग करना छोड़ देता है, लेकिन समय से उसका निस्तारण नहीं हो पाता। निष्प्रयोज्य उपकरण भी जहां- तहां पड़े रहते हैं। ऐसे उपकरणों व परित्यक्त भवनों से रेलवे परिसर में गंदगी तो फैलती ही है, चोरी और दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। यह अराजकतत्वों के पनाहगार भी साबित होते हैं।
समस्त कार्यालयों और कालोनियों की मैपिंग कराने का निर्णय
यहां जान लें कि रेलवे बोर्ड ने समस्त कार्यालयों और कालोनियों की मैपिंग भी कराने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में इनकी आनलाइन निगरानी होगी। डिविजन ही नहीं जोन और बोर्ड में बैठे अधिकारी लोकेशन ले सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे को स्क्रैप फ्री जोन बनाने का लक्ष्य बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष स्क्रैप निस्तारण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। चिन्हित परित्यक्त भवनों के निस्तारित करने की दिशा में भी कार्य शुरू कर दिया गया है।
रेलवे मेंस कांग्रेस की बैठक में सम्मानित हुए संरक्षक
एनई रेलवे मेंस कांग्रेस की बैठक यांत्रिक कारखाने में आयोजित हुई। इस दौरान पदाधिकारियों ने कारखाने की समस्या को प्रमुखता से उठाया। साथ ही संरक्षक सुभाष दूबे, श्रीनिवास सिंह, अशरफी को सम्मानित किया गया। बैठक में प्रदीप श्रीवास्तव, संदीप पांडेय, काशीनरेश चौबे, शंकर सिंह, शिवेंद्र पांडेय, अनिल सिंह और विभेष सिंह आदि पदाधिकारी मौजूद थे।