नौनिहालों में सीखने की ललक पैदा करने को खरीदे जाएंगे 21 लाख की पाठ्य सामग्री

बस्‍ती जिले के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के नौनिहालों के पठन-पाठन में शिक्षकों का (टीएलएम) टीचिग लर्निंग मटेरियल सीखने की ललक पैदा करेगा। इसके लिए शासन ने प्रत्येक शिक्षक को तीन सौ रुपये के हिसाब से 21 लाख आठ हजार सात सौ रुपये की धनराशि विभाग को दी गई है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:05 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:05 AM (IST)
नौनिहालों में सीखने की ललक पैदा करने को खरीदे जाएंगे 21 लाख की पाठ्य सामग्री
नौनिहालों में सीखने की ललक पैदा करने को खरीदे जाएंगे 21 लाख की पाठ्य सामग्री। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोराखपुर, जागरण संवाददाता। बस्‍ती जिले के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के नौनिहालों के पठन-पाठन में शिक्षकों का (टीएलएम) टीचिग लर्निंग मटेरियल सीखने की ललक पैदा करेगा। इसके लिए शासन ने प्रत्येक शिक्षक को तीन सौ रुपये के हिसाब से 21 लाख आठ हजार सात सौ रुपये की धनराशि बेसिक शिक्षा विभाग को दी गई है। शिक्षकों की संख्या के अनुसार यह धनराशि विद्यालय के एसएमसी खाते में भेजी जाएगी। इससे शिक्षक पढ़ाने-लिखाने संबंधी सामग्री की खरीदारी कर करेंगे ।

शिक्षण अधिगम को आसान बनाने वाली सामग्री खरीदेंगे शिक्षक

जिले में कुल 1746 परिषदीय प्राथमिक विद्यालय हैं। इसमें 308 विद्यालय संविलियन हैं। प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को टीएलएम के लिए तीन-तीन सौ रुपये की धनराशि दी जाएगी।जिससे जिले के करीब एक लाख अस्सी हजार परिषदीय बच्चों को विषयों के कठिन बिदुओं को शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) से आसानी से समझाया जा सकेगा। प्रत्येक शिक्षक अपने-अपने विषयों में कठिन पाठों व बिदुओं को उदाहरण देकर या फिर उससे संबंधित कोई यंत्र या पोस्टर दिखाकर बच्चों को समझाने का प्रयास करता है।

दो से तीन सालय पहले भी दी गई थी धनराशि

परिषदीय विद्यालयों में दो से तीन साल पहले 500 रुपये प्रति शिक्षक टीएलएम के लिए दिया गया था। पिछले दो सालों में टीएलएम को लेकर कोई राशि जारी नहीं की गई। इस बार प्रति शिक्षक तीन सौ रुपये दिया जा रहा है। इसके माध्यम से शिक्षक अपने विषय की शिक्षण सामग्री खरीदकर बच्चों को समझाने का प्रयास करेंगे।

क्या है टीएलएम

विषयों की अवधारण को सुगमता से समझने के लिए कम लागत में जुटाई गई सामग्री है । इसकी मदद से बच्चों को कठिन बिंन्दुओं को समझने में आसानी होती है । रंगीन कागज, पत्थर के टुकड़े, रिफिल, पुराने पेन, तीलियां, बीज, पुराने कपड़े आदि की मदद से छोटा बड़ा, समूह बनाना, चित्र बनाना व तह लगाना आदि सिखाया जा सकता है। वहीं मिट्टी की गोली, गेंद, लूडो गणित के जोड़ घटाने को सिखाने में सहायक होते हैं । गणित एआरपी डा. अनूप कुमार सिंह ने बताया कि परिवेशीय सामग्री जैसे कांच की गोली , माचिस की तीलियां, सीकें प्राथमिक स्तर पर गणित का प्रारंभिक ज्ञान करने में सहायक होती हैं । चांदा, पटरी, पेंसिल, रबर, कटर, ठोस आकृतियां, गिनतारा, डिस्क आदि टीएलएम हैं।

शिक्षकों के खाते में भेजी जाएगी धनाराशि

जिला समन्‍वयक सुनील त्रिपाठी ने बताया कि टीएलएम के लिए 21लाख आठ हजार सात सौ रुपये शासन से मिले है। सभी बीईओ से प्राथमिक विद्यालयों में तैनात प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक व शिक्षामित्र की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है । प्रति शिक्षक तीन सौ विद्यालय के एसएमसी खाते में भेजा जाएगा।

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