UP Roadways: गोरखपुर डिपो के 200 चालक और परिचालक छुट्टी पर, बसों केे संचलन पर संकट Gorakhpur News

गोरखपुर बस डिपो के 375 चालक और परिचालक में लगभग 200 ड्यूटी नहीं आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि चुनाव में लगातार ड्यूटी के बाद अधिकतर चालक- परिचालक संक्रमित हो गए हैं। कुछ के स्वजन संक्रमित हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 01:35 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 05:34 PM (IST)
UP Roadways: गोरखपुर डिपो के 200 चालक और परिचालक छुट्टी पर, बसों केे संचलन पर संकट Gorakhpur News
परिवहन निगम की सब का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। रोडवेज की बसों के संचालन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आधे से अधिक चालक और परिचालक गायब हैं। कुछ संक्रमित हैं तो कुछ स्वजन के इलाज आदि के लिए ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। बसें डिपो में खड़ी हैं। कोई चलाने वाला नहीं है। बसों के नहीं चलने से परिवहन निगम के माथे पर बल पड़ गए हैं।

सिर्फ 175 कर्मचारी आ रहे ड्यूटी

पिछले सप्ताह तक बसों के पंचायत चुनाव में लग जाने के चलते दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब से आने वाले पूर्वांचल के प्रवासियों को परेशानी उठानी पड़ी। अब चालकों और परिचालकों की कमी के चलते मुश्किल खड़ी हो गई हैं। आलम यह है कि गोरखपुर बस डिपो के 375 चालक और परिचालक में लगभग 200 ड्यूटी नहीं आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि चुनाव में लगातार ड्यूटी के बाद अधिकतर चालक- परिचालक संक्रमित हो गए हैं। कुछ के स्वजन संक्रमित हैं। ऐसे में चुनाव समाप्त होते ही वे डिपो परिसर में बसें खड़ी कर घर के लिए चल दिए हैं। अब परिवहन निगम के अधिकारी और कर्मचारी बुला रहे हैं, तो वे आने को तैयार नहीं हैं। यह तब है जब परिवहन निगम प्रशासन ने सभी चालकों और परिचालकों की छुटि्टयां निरस्त कर दी हैं।

कैसे घर पहुंचेंगे प्रवासी

ऐसे में परिवहन निगम प्रशासन को कुछ समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। सबसे अधिकत परेशानी प्रवासियों को हो रही है. कड़ी धूप में उन्हें तमकुही, पडरौना, देवरिया, रुद्रपुर, लार, महराजगंज और ठुठीबार की बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा हैं। हालांकि, गोरखपुर से लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, प्रयागराज और वाराणसी रूट की बसें नहीं मिल रहीं। ऐसे में लंबी दूरी की बसों को लोकल रूटों पर चलाकर किसी तरह प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। गोरखपुर डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक केके तिवारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के चलते चालकों और परिचालकों की कमी हो गई है. अधिकतर बसें डिपो में खड़ी हैं। किसी तरह व्यवस्था कर यात्रियों को छोड़ा जा रहा है।

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