इस जिले में लगाए गए 19 लाख पौधे, हकीकत देखेगी शासन की टीम

पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण अभियान के तहत जनपद में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर पौधे रोपे गए थे। जिले के कुल 26 विभागों द्वारा हरियाली को बढ़ाने के लिए जिले में कुल 1890600 पौधे रोपित किए गए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 02:45 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 02:45 PM (IST)
इस जिले में लगाए गए 19 लाख पौधे, हकीकत देखेगी शासन की टीम
मिठौरा ब्लाक के मुजहना बुजुर्ग गांव में पौधारोपण स्थल से गायब पौधे। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण अभियान के तहत महराजगंज में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर पौधे रोपे गए थे। जिले के कुल 26 विभागों द्वारा हरियाली को बढ़ाने के लिए जिले में कुल 1890600 पौधे रोपित किए गए हैं। लंबे पैमाने पर चलाए गए इस अभियान की जमीनी हकीकत खंगालने के लिए शासन की टीम आने वाली है। रिकार्ड पौधारोपण अभियान को सीएम योगी ने अपनी प्राथमिकता में रखा था। इस अभियान में महराजगंज में 19 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें कृषि विभाग, पंचायती राज, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत 26 विभागाों का सहयोग लेकर पौधे लगाए गए थे। इस बार फल व छायादार पौधे रोपने का खास निर्देश भी शासन ने दिया था।

पौधों के बारे में पता करने के लिए बनी अनुश्रवण समिति

इस अभियान में कितने पौधे रोपे गए, वह किस हाल में हैं, कितने नष्ट हो गए, मानक के अनुसार पौधों का चयन हुआ है कि नहीं इसे देखने को शासन स्तर पर अनुश्रवण समिति बनी है। इसमें सभी सहयोगी विभागों के अफसर शामिल किए गए हैं। इसकी एक टीम यहां आने वाली है। डीएफओ पुष्पक कुमार के का कहना है कि पौधे ठीक से लगवाए गए हैं। शासन की टीम जनपद में कराए गए पौधारोपण को मौके पर जाकर अपने स्तर से देखेगी।

नगर व नहर की पटरियों पर नहीं दिखते पौधे

अभियान के तहत नगर में भी पौधे लगवाए गए थे। नगर पालिका में खाली पड़ी भूमि समेत ग्रामीण इलाकों में नहर की पटरियों पर पौधे रोपे थे। इनमें से अधिकांश नहीं दिख रहे हैं। सुरक्षा की ङ्क्षचता न किए जाने से अधिकांश को बेसहारा जानवर अपना निवाला बना गए।

फेंके मिले थे सैकड़ों पौधे

मिठौरा, निचलौल सहित परतावल के कई गांवों में पौधारोपण के वक्त ही गांव के बाहर अथवा नहर के किनारे दर्जनों पौधे फेंके मिले थे। उसे रोपने के नाम पर नर्सरी से रिसीव तो कर लिया गया, पर रोपा नहीं गया। पौधे सूखकर कांटा हो गए। यह खबर आने के बाद भी पौधे रोपे नहीं गए, बल्कि वहां से हटा दिए गए।

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