गोरखपुर में 18 हजार कोरोना मरीज बिना अस्पताल गए ही ठीक हो गए- जानें, कैसे ?
गोरखपुर के 18 हजार नागरिक घर में ही योद्धा बन गए। इन नागरिकों ने कोरोना का लक्षण दिखते ही पहले खुद को आइसोलेट किया। कोरोना की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद भी यह लोग नहीं डरे। घर में ही इलाज किया और पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोविड प्रोटोकाल का पालन और खुद को आत्मविश्वास से भरपूर रखकर जिले के 18 हजार नागरिक घर में ही योद्धा बन गए। इन नागरिकों ने कोरोना का लक्षण दिखते ही पहले खुद को आइसोलेट किया। कोरोना की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद भी यह लोग नहीं डरे। घर में ही इलाज किया और पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। चार हजार नागरिक अब भी घर पर इलाज करा रहे हैं और तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। तकरीबन पांच हजार को ही अस्पताल ले जाना पड़ा। इनमें से भी तकरीबन 46 सौ लोग स्वस्थ हो गए।
लक्षण दिखते ही खुद को किया आइसोलेट
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को आत्मविश्वास मजबूत रखना है और आक्सीजन के स्तर पर ध्यान देना होगा। यदि आक्सीजन का स्तर 94 से नीचे हो या फिर सांस से जुड़ी दिक्कत हो तो इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की मदद लेकर अस्पताल में इलाज करवाएं। दिक्कत है तो डाक्टर की सलाह जरूर लें। यदि डाक्टर कहे तो ही घर पर आइसोलेट हों।
52 हजार से ज्यादा की हुई कांटैक्ट ट्रेसिंग
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एके चौधरी के निर्देशन में चार हजार नए कोरोना के मामले आने के बाद 52 हजार से ज्यादा लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग की गई है। कोविड मरीज के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से जांच करा लेनी चाहिए।
दिक्कत हो तो यहां करें फोन
जिला सर्विलांस अधिकारी ने बताया कि घर में आइसोलेशन के दौरान मरीज को तकलीफ हो तो अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए हेल्पलाइन नंबर- 9532797104, 9532041482, 0551-2202205 और 0551-2204196 पर सूचना दें।
कोरोना मरीज यह करें
होम्योपैथ
आर्सेनिक एलबम 30 की चार गोली रोजाना सुबह खाली पेट तीन दिन लें। इससे प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है। कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है। तीन दिन विशेष सावधानी बरतें। संतरा, आंवला, अदरक वाली चाय, लौंग का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। - डा. वीके उपाध्याय, असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज बड़हलगंज
आयुर्वेद
कोरोना संक्रमित और कोरोना से बचाव के लिए पौष्टिक व अपने पाचन शक्ति के अनुसार समय पर भोजन करें। गुनगुने पानी का सेवन करें, योग करें। इसके साथ-साथ आयुष क्वाथ, आयुष-64, गिलोयघन बटी और च्यवनप्राश का आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह उपरांत सेवन कर सकते हैं। - आशीष त्रिपाठी, आयुर्वेदाचार्य।