पक्षियों को भा गयी गोरखपुर न्यायालय परिसर की हरियाली, डाल दिया डेरा

परिंदों को न्यायालय परिसर की हरियाली भा गई है। उदाहरण के रूप में न्यायालय परिसर में 1500 से अधिक पक्षियों ने डेरा डाल दिया है। इनमें से अधिकांश गर्भ से हैं जबकि कई पक्षियों ने अंडे भी दिए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:45 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:45 PM (IST)
पक्षियों को भा गयी गोरखपुर न्यायालय परिसर की हरियाली, डाल दिया डेरा
न्यायालय परिसर में अशोक के पेड़ पर बैठा नाइट हेरान। सौ. चिड़ियाघर प्रशासन

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : शोर-शराबे से दूर रहने वाले परिंदों को न्यायालय परिसर की हरियाली भा गई है। परिसर के लंबे, घने वृक्षों को वह अपना सुरक्षित ठिकाना मानने लगे। इसका प्रमाण है कि वहां 1500 से अधिक पक्षियों ने डेरा डाल दिया है। इनमें से अधिकांश गर्भ से हैं, जबकि कई पक्षियों ने अंडे भी दिए हैं। हालांकि न्यायालय परिसर में काम करने वालों के लिए ये पक्षी मुश्किल भी खड़ी कर रहे हैं। पेड़ से गिरते उनके अंडे व गंदगी लोगों के लिए बड़ी समस्या हैं। वन व चिड़ियाघर प्रशासन दो दिन से इन पक्षियों को लेकर मंथन कर रहा है। उसका मानना यह पक्षी यहां प्रजनन के लिए आए हुए हैं और यह अवधि पूरी होते ही वह यहां से लौट जाएंगे।

तीन दर्जन से अधिक घने और लंबे पेड़ हैं न्यायालय परिसर में

न्यायालय परिसर में तीन दर्जन से अधिक अशोक, बरगद, गूलर, पाकड़ आदि के घने-लंबे पेड़ हैं। वन विभाग का मानना है कि इनमें से कई वृक्षों की आयु 50 वर्ष से अधिक है, इससे आकर्षित होकर नाइट हेरान, लेसर करमोरेंट, कैटल इग्रिट जैसे पक्षियों ने इन वृक्षों पर घोंसला बना लिया है। उन्होंने वहां बड़े पैमाने पर अंडे भी दिए हैं। अपनी भारी-भरकम मौजूदगी से परिंदे यह भी संदेश दे रहे हैं कि शहर में न्यायालय परिसर की आबोहवा अन्य स्थानों से बेहतर है। न्यायालय परिसर में मौजूद पक्षियों में सर्वाधिक संख्या नाइट हेरान की है। उसके बाद करमोरेंट हैं। सबसे कम संख्या कैटल इग्रिट की है। वन विभाग का मानना है कि यह परिंदे यहां प्रजनन के लिए आए हैं। सभी पेड़ों पर बड़े पैमाने पर घोसले बने हुए हैं। उसमें उनके अंडे भी मौजूद हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या ढाई से तीन गुनी हो सकती है। अधिकांश उम्मीद है कि प्रजनन अवधि पूरी होने के बाद सभी परिंदे अपने कुनबे के साथ यहां से निकल जाएं।

यहां से हुई विभाग को खबर

न्यायालय परिसर में इन परिंदों की बड़े पैमाने पर मौजूदगी वहां के लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। बार एसोसिएशन की सूचना पर बीते शनिवार व रविवार को निदेशक चिड़ियाघर, पशु चिकित्साधिकारी चिड़ियाघर व डीएफओ ने न्यायालय परिसर पहुंचकर इसकी छानबीन की। उनकी जांच में संभावना जताई गई है कि पक्षी पीपीगंज की तरफ से यहां आए होंगे। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटान हुई है। ऐसे में पक्षी सुरक्षित ठिकाने के लिए यहां आ गए होंगे। यहां पास में रामगढ़ताल व अन्य छोटे जलाशयों में मछलियां उनका बेहतर भोजन हैं।

वृक्षों के पास जाल बिछाकर सुरक्षित किया जाएगा पक्षियों के अंडे को

डीएफओ अविनाश कुमार ने कहा कि न्यायालय परिसर में करीब 1500 से पक्षी देखे जा रहे हैं। उनके अंडे सुरक्षित रहें, इसलिए वृक्षों के पास जाल बिछाकर उसे सुरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। अधिकांश पक्षी गर्भ से हैं। ऐसे में प्रतीत होता है कि वह प्रजनन अवधि पूरी होने के बाद यहां से निकल जाएंगे।

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