दो जिलों में बंटे हैं नारायणी के दियारा में बसे 15 गांव Gorakhpur News
कुशीनगर में नारायणी के दियारा में बसे सात राजस्व गांव जो महराजगंज के निचलौल तहसील में आते हैं उन्हें कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील में शामिल करने की पहल शुरू हो गई है। इस मुद्दे को विधायक ने उठाया था। इस पर राजस्व परिषद ने रिपोर्ट मांगी है।
गोरखपुर, जेएनएन : कुशीनगर में नारायणी के दियारा में बसे सात राजस्व गांव जो महराजगंज के निचलौल तहसील में आते हैं, उन्हें कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील में शामिल करने की पहल शुरू हो गई है। इस मुद्दे को विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने शासन स्तर पर उठाया था, जिसका संज्ञान लेकर राजस्व परिषद की ओर से दोनों जिलों के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है। 19 जनवरी को एसडीएम अरविंद कुमार की ओर से एडीएम कुशीनगर को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जनहित को देखते हुए निचलौल तहसील के गांवों को खड्डा में शामिल कर लिया जाना बेहतर रहेगा। इससे उम्मीद जगी है कि एक क्षेत्र व एक जिला का सपना साकार हो जाएगा। मौजूदा समय में दियारा के सोहगीबरवां, भोतहा, शिकारपुर, मटियरवा, नौका टोला, मूजा टोला व पिपरपासी महराजगंज जिले की निचलौल तहसील में और मरिचहवा, शिवपुर, नरायनपुर, बकुलादह, बालगोविंद छपरा व हरिहरपुर कुशीनगर के खड्डा तहसील में शामिल हैं।
नदी उस पार से निचलौल तक जाने का रास्ता नहीं
नदी उस पार से निचलौल तक जाने-आने का कोई रास्ता नहीं हैं। यहां के लोगों को तहसील मुख्यालय जाने के लिए खड्डा आना पड़ता है। इन गांवों के लोगों को महराजगंज जिला मुख्यालय जाने के लिए लगभग 70 किलोमीटर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। बाढ़ या अन्य आपदा के समय निचलौल तहसील के गांवों तक पहुंचना महराजगंज प्रशासन के लिए बेहद कठिन होता है। इन गांवों को कुशीनगर में शामिल कर दिए जाने पर लोगों की मुश्किलें कम हो जाएंगी।
समस्याओं का समाधान कराना जनप्रतिनिधि का दायित्व
विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान कराना जनप्रतिनिधि का दायित्व है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान निचलौल तहसील में शामिल गांवों के लोग अपनी परेशानियों को मुझे बताते थे। उनकी मांग को मैंने शासन के संज्ञान में डाला। जिला प्रशासन अपने स्तर से कार्य कर रहा है।