मीरगंज में एक माह में 15 लोगों की चली गई जान, अब तक नहीं पहुंची स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम

संतकबीर नगर जिले केेे खलीलाबाद ब्लाक के मीरगंज में बीते एक माह के भीतर 15 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 14 लोगों को जुखाम बुखार खांसी और सांस लेने में दिक्कत थी। लगातार हो रही मौतों से गांव में दहशत है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 01:10 PM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 01:10 PM (IST)
मीरगंज में एक माह में 15 लोगों की चली गई जान, अब तक नहीं पहुंची स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम
मीरगंज गांव में पसरा सन्नाटा । जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर जिले केेे खलीलाबाद ब्लाक के मीरगंज में बीते एक माह के भीतर 15 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 14 लोगों को जुखाम, बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत थी। लगातार हो रही मौतों से गांव में दहशत है। ग्रामीण बता रहे हैं कि इस बार कोरोना लोगों को संभलने का भी मौका नहीं दे रहा है। गांव के अधिकतर लोग अचानक बीमार हुए, जब तक लोग कुछ समझ पाते उनकी मौत हो गई। लगातार हो रही मौत की सूचना देने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में नहीं आई। इसे लेकर लोग नाराज भी हैं।

पत्‍नी को जब तक अस्‍पताल ले गया, तब तक हो चुकी थी मौत

गांव के रामअधारे बताते हैं कि उनकी पत्नी धनपती को दिन में बुखार हुआ। रात को दवा दी तो उनकी तबीयत ठीक हो गई, लेकिन तीसरे दिन अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ गई। जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता, तब तक उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पड़ोस में तीन दिन के भीतर दो मौतें और भी हो चुकी थीं। रामअंजन ने बताया कि उनके भाई रामाज्ञा उर्फ बबलू बौना तीन दिन की बीमारी में उन्हें छोड़ कर चला गया। राजेंद्र बताते हैं कि उनके बड़े भाई सुग्रीव मद्धेशिया कि 17 अप्रैल को तबीयत खराब हुई। जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो पता चला कि वह कोरोना संक्रमित हैं।

भाई को घर पर ही कर दिया था आइसोलेट

कोरोना वार्ड में जगह नहीं मिली तो उन्हें घर पर ही आइसोलेट कर दिया। 19 की शाम को उन्हें सांस लेने में परेशानी हुई, जिसके बाद उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां से उन्हें बस्ती के कैली हास्पिटल रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल तक सुग्रीव की तबीयत एकदम ठीक हो गई थी। चिकित्सकों ने कहा था कि एक-दो दिन में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा, लेकिन 30 अप्रैल को अचानक तबीयत फिर बिगड़ गई और एक मई को उनकी मौत हो गई। राजेश ने बताया कि उनकी मां लालदेई की भी बीमारी से मौत हो गई। परवीन ने बताया कि उनके पिता राम प्रसाद की अचानक तबीयत बिगड़ी, जब तक कुछ समझ पाता उनकी मौत हो गई।

गांव के इन लोगों की हुई मौत

बदरी यादव, रामायन उर्फ बबलू, द्रोपदी, हनीफ, छेदी अली, छेदी बंजारा, लालदेई, सगिरुन्निशा, सुग्रीव मद्धेशिया, रामप्रसाद भूज, धानपति, कमला देवी सहित कुल 15 लोगों की मौत हो चुकी है।

गांव में दो दर्जन से अधिक लोग हैं बीमार

ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार हो रही मौत की जानकारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम गांव में जांच करने नहीं पहुंची। स्थानीय लोगों की माने तो अभी भी गांव में दो दर्जन से अधिक लोग हैं, जो सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी और सांस की बीमारी से जूझ रहे हैं। बीमार लोग स्थानीय स्तर पर इलाज करा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जांच करे तो इस समय ज्यादा लोगों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आ सकती है। अधिकतर लोग जांच कराने भी नहीं जा रहे हैं, जिसकी वजह से गांव में बीमारी से और लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।

गांव में भेजी जाएगी स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम

मुख्य चिकित्साधिकारी इंद्र विजय विश्वकर्मा ने कहा कि मामले की जानकारी हुई है। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जाएगी। बीमार लोगों के चिकित्सा की व्यवस्था के साथ ही कोरोना किट भी दिया जाएगा। इसके साथ ही पूरे गांव की कोरोना जांच भी करवाई जाएगी। इसके साथ ही इसकी जांच भी होगी कि सूचना के बाद आखिर गांव में विभाग की टीम क्यों नहीं पहुंची।

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