यहां हर दिन जल रहे 12 ट्रांसफार्मर, मरम्मत में भी हो रही परेशानी

मौसम बदलने के साथ देवरिया जिले की बिजली व्यवस्था लड़खड़ा गई है। ओवरलोड के चलते औसतन हर रोज 12 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं। बिजली विभाग के अफसरों के सुस्ती की वजह से ट्रांसफार्मर मरम्मत की गति धीमी होने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 11:40 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 11:40 AM (IST)
यहां हर दिन जल रहे 12 ट्रांसफार्मर, मरम्मत में भी हो रही परेशानी
भटवलिया स्थित विद्युत उपकेंद्र पर वर्कशाप में ट्रांसफार्मर मरम्मत करते कर्मचारी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : मौसम बदलने के साथ देवरिया जिले की बिजली व्यवस्था लड़खड़ा गई है। ओवरलोड के चलते औसतन हर रोज 12 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं। बिजली विभाग के अफसरों के सुस्ती की वजह से ट्रांसफार्मर मरम्मत की गति धीमी होने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है।

लगाए गए हैं छोटे-बड़े 17945 ट्रांसफार्मर

जिले में बिजली आपूर्ति करने के लिए विभिन्न स्थानों पर 17945 छोटे-बड़े ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। उमस भरी गर्मी पडऩे के चलते ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया है। लोड बढ़ने साथ ही ट्रांसफार्मर जलने शुरू हो गए हैं। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो मई माह में 263 ट्रांसफार्मर जले। एक जून से नौ जून तक कुल 115 ट्रांसफार्मर जले हैं, जिसमें 10 केबीए के 19, 25 केवीए के 41, 63 केवीए के 29, 100 केवीए के 17, 150 केवीए के छह, 400 केवीए के तीन ट्रांसफार्मर जिले में जले हैं। इसमें से अधिकांश ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं। उधर देवरिया शहर के उमानगर, सीसी रोड के अलावा रामपुरकारखाना, पड़री बाजार में कई पहले ट्रांसफार्मर जलने से लोग परेशान रहे।

बरसात होने पर यहां भी हो रही दिक्कत

भटवलिया विद्युत उपकेंद्र परिसर में ट्रांसफार्मर वर्कशाप है। ट्रांसफार्मर वर्कशाप में एक दिन में औसतन आठ से लेकर 14 तक ट्रांसफार्मर तैयार किए जाते हैं। यहां जेई के साथ मात्र दो कर्मचारी सरकारी है। इस समय 17 कर्मचारी संविदा के काम कर रहे हैं। अवर अभियंता अभिनव रंजन का कहना है कि एक शेड है, जिससे परेशानी हो रही है। यहां ट्रांसफार्मर नहीं रहता है तो किसी दूसरे जिले से मंगाकर उपभोक्ताओं की सुविधाओं को देखते हुए ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराया जा रहा है।

ट्रांसफार्मर जले तो करें आनलाइन शिकायत

गांवों में ट्रांसफार्मर जलने के बाद लोग क्षेत्र के लाइनमैन को ट्रांसफार्मर में खराबी होने की सूचना दे देते हैं। इसके चलते अधिकारियों तक सूचना पहुंचने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है। जबकि ट्रांसफार्मर जलने के बाद उसे बदलने के लिए समय निर्धारित किया गया है। 24 घंटे में शहर में तो ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे का समय दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रांसफार्मर जलने के बाद लोग आन-लाइन इसकी शिकायत करें। 24 से 48 घंटे के अंदर ट्रांसफार्मर बदल लाएगा। आनलाइन के अलावा लोग उपकेंद्रों पर रखे ट्रांसफार्मर के रजिस्टर में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

शिकायत के बाद खुद कर्मचारी लेकर पहुंचेंगे ट्रांसफार्मर

बिजली विभाग की तरफ से आठ गाड़‍ियां अनुबंध पर रखी गई हैं, जो ट्रांसफार्मर जलने के बाद नया ट्रांसफार्मर वर्कशाप से लेकर संबंधित स्थान पर पहुंचती है और ट्रांसफार्मर बदलने के बाद वह गाड़ी लौट आती है।

ट्रांसफार्मर जलने पर सूचना देने में न करें विलंब

अधीक्षण अभियंता जीसी यादव ने कहा कि ट्रांसफार्मर जलने के बाद लोग शिकायत या तो अवर अभियंता से करें या फिर आनलाइन करें, निर्धारित समय में ट्रांसफार्मर बदल दिया जाएगा। वर्कशाप में ट्रांसफार्मर पर्याप्त हैं। ट्रांसफार्मर जलने के बाद सूचना देने में लोग विलंब न करें।

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