मेडिकल कालेज में एक साथ 12 डाक्टर बनेंगे सर्जन, अभी पांच सीटों पर पीजी की पढ़ाई Gorakhpur News

बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में आने वाले दिनों में 12 डाक्टर एक साथ सर्जन बन सकेंगे। अभी यहां पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) में सर्जरी की पांच सीट है। मेडिकल कालेज में पीजी की 95 सीटें हैं। पहले सीटें 72 थीं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 09:10 AM (IST)
मेडिकल कालेज में एक साथ 12 डाक्टर बनेंगे सर्जन, अभी पांच सीटों पर पीजी की पढ़ाई Gorakhpur News
एक साथ सर्जन बन सकेंगे 12 डाक्टर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में आने वाले दिनों में 12 डाक्टर एक साथ सर्जन बन सकेंगे। अभी यहां पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) में सर्जरी की पांच सीट है। मेडिकल कालेज में पीजी की 95 सीटें हैं। पहले सीटें 72 थीं। कालेज में पीजी की 30 सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही मेडिकल कालेज में पीजी की 125 सीटें हो जाएंगी।

एनएमसी की ओर से भेजे गए सदस्‍य पहुंचे मेडिकल कालेज

सर्जरी विभाग की सीटें सात से बढ़ाकर 12 करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की ओर से भेजे गए सदस्य मेडिकल कालेज पहुंचे। प्रोफेसर बी राजाराम गवर्नमेंट मेडिकल कालेज काकात्या तेलंगाना के प्रो. बी राजाराम ने सर्जरी विभाग की ओपीडी, वार्ड, आपरेथन थियेटर, लेक्चर थियेटर, सेंट्रल पैथोलाजी, सीटी, एमआरआइ, एक्सरे, ओपीडी पर्ची काउंटर आदि का निरीक्षण किया। प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने प्रो. बी राजाराम को मेडिकल कालेज के इतिहास और वर्तमान में विभागों में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।

ईएनटी में पांच सीटों के लिए हुआ था निरीक्षण

एनएमसी ने पिछले दिनों मेडिकल कालेज में नाक-कान व गला (ईएनटी) रोग विभाग में पांच सीट पर पीजी की पढ़ाई शुरू कराने के लिए निरीक्षण किया था। अभी मेडिकल कालेज में ईएनटी में पीजी की पढ़ाई नहीं होती है। फार्माकोलाजी विभाग में पांच सीटों के लिए भी निरीक्षण हो चुका है। अभी फार्माकोलाजी विभाग में पीजी की तीन सीटों पर पढ़ाई होती है।

पीजी की सीटाें को बढ़ाने का चल रहा प्रयास

प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने कहा कि पूर्वांचल में गुणवत्तापूर्ण इलाज और विशेषज्ञ डाक्टरों की उपलब्धता के लिए पीजी की सीटों को बढ़ाने का हर संभव प्रयास चल रहा है। विशेषज्ञ डाक्टरों की संख्या बढ़ेगी तो इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पूर्वांचल में बन रहे मेडिकल कालेजों में भी विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी भी दूर होगी। इसके लिए लंबे समय से प्रयास भी किए जा रहे हैं।

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