गोरखपुर में 11 विभाग मिलकर मनाएंगे विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह Gorakhpur News

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग नोडल की भूमिका में रहेगा। समूचा अभियान कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए चलाया जाएगा। बुखार के रोगियों को चिह्नित कर अस्पताल पहुंचाया जाएगा। लक्षणयुक्त मरीजों की जांच कराई जाएगी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:11 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:11 PM (IST)
गोरखपुर में 11 विभाग मिलकर मनाएंगे विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह Gorakhpur News
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। एक जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह मनाया जाएगा। 11 विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर इस अभियान को सफल बनाएंगे। दिमागी बुखार, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, टीबी और कोविड आदि संचारी रोगों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिला स्तरीय कर्मचारियों का वर्चुअल प्रशिक्षण हो चुका है। शीघ्र ही ब्लाक स्तरीय कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

मरीजों को मिलेगा निश्शुल्क इलाज

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग नोडल की भूमिका में रहेगा। समूचा अभियान कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए चलाया जाएगा। बुखार के रोगियों को चिह्नित कर अस्पताल पहुंचाया जाएगा। लक्षणयुक्त मरीजों की जांच कराई जाएगी। संभावित क्षय रोगियों की जांच करवा कर उनका इलाज करवाया जाएगा। बीमार लोगों के लिए निश्शुल्क परिवहन की व्यवस्था रहेगी। मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जाएगा और फाङ्क्षगग कराई जाएगी। लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि सफाई व स्वच्छता से अनेक प्रकार की बीमारियां दूर भागती हैं। आम जन जितना अधिक इस बारे में जागरूक होगा, उसी हिसाब से बीमारियों की रोकथाम हो सकेगी। आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। वे घर-घर जाएंगी और लोगों से उनकी तबीयत के बारे में पूछेंगी। बीमार लोगों की सूची बनाएंगी।

शामिल होंगे ये विभाग

स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग व ग्राम्य विकास विभाग, पशुपालन विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, सूचना विभाग और उद्यान विभाग अभियान में शामिल होंगे।

इन कार्यों पर होगा जोर

पेयजल, साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम, संवेदनशील क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना और नाला-नालियों की सफाई, स्वच्छता, सुकरबाड़ों को आबादी से दूर करवाना, कुपोषित बच्चों के चिह्नित कर पुष्टाहार वितरित करना, दिमागी बुखार के दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलवाना, मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाना, मच्छररोधी पौधों का रोपण आदि।

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