Cyber Criminals: अंगूठे का क्लोन बना खाते से रकम उड़ाने वाले 11 अपराधी गिरफ्तार, कई के स्‍वजन पुलिस में

Cyber Criminals अंगूठे का क्लोन बनाकर खाते से रकम उड़ाने वाले गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह ने पिछले तीन साल में करोड़ों की हेराफेरी की है। गिरोह के तार दिल्ली आंध्र प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के अलावा नेपाल से जुड़े हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:30 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:01 PM (IST)
Cyber Criminals: अंगूठे का क्लोन बना खाते से रकम उड़ाने वाले 11 अपराधी गिरफ्तार, कई के स्‍वजन पुलिस में
गोरखपुर में गिरफ्तार साइबर अपराधियों के बारे में जानकारी देते एसएसपी दिनेश कुमार पी। सौ पुलिस मीडिया सेल।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की सूचना पर गोरखपुर साइबर सेल व क्राइम ब्रांच की टीम ने अंगूठे का क्लोन बनाकर खाते से रकम उड़ाने वाले गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने पिछले तीन साल में करोड़ों की हेराफेरी की है। इनके कब्जे से नौ लाख रुपये, कार, बाइक, 26 एटीएम, 213 फिंगर क्लोन, 53 मोबाइल फोन, लैपटाप सहित भारी मात्रा में दस्तावेज मिले हैं। गिरोह के तार दिल्ली, आंध्र प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के अलावा नेपाल से जुड़े हैं। गोरखपुर, महराजगंज, दिल्ली व नेपाल के रहने वाले आरोपितों में कई के स्वजन पुलिस विभाग में तैनात हैं।

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जालसाजी कर खाते से रकम उड़ाने वाले गिरोह के गोरखपुर में सक्रिय होने की सूचना पर साइबर सेल व क्राइम टीम काम कर रही थी। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने एक आरोपित के बारे में जानकारी दी। सूचना के आधार पर साइबर सेल व क्राइम ब्रांच की टीम ने होंडा सिटी कार व बाइक से कलेक्ट्रेट चौराहा की तरफ से हरिओम नगर की तरफ जा रहे आरोपितों को पकड़ लिया है। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि कुछ साथी जिला पंचायत रोड स्थित साई कम्यूनिकेशन में आधार कार्ड और अंगूठे का क्लोन बनाते हैं। जिसकी मदद से ग्राहक सेवा केंद्र चलाने वाले गिरोह के सदस्य रुपये को अपने खाते में ट्रांसफर कर निकाल लेते हैं।

गिरोह के सरगना हैं राघवेंद्र मिश्रा और सोनू कुमार पासवान

पूछताछ में आरोपितों की पहचान कैंट के दाउदपुर निवासी राघवेंद्र मिश्रा, मोहरीपुर निवासी सोनू कुमार पासवान, सहजनवां के अचियापार निवासी मुकेश कुमार, जोन्हिया निवासी विकास उर्फ विक्की, तिवारीपुर के जाफरा बाजार निवासी सैय्यद जावेद अली, बड़हलगंज के बुढ़नपुरा निवासी शशांक पांडेय, महराजगंज के नौतनवां के पहाड़ी मोहल्ला निवासी दीपेंद्र थापा, नई दिल्ली में रहने वाला नौतनवां के जायसवाल मोहल्ला निवासी सागर जायसवाल, दिल्ली में रहने वाला राहुल राना, तिवारीपुर थाने के सामने रहने वाला अमित कन्नौजिया, उरुवा बाजार के देवापार निवासी आशीष पाठक के रूप में हुई। राघवेंद्र मिश्रा और सोनू कुमार पासवान गिरोह के सरगना है।

यह हुई है बरामदगी

आरोपितों के पास से पुलिस ने 9 लाख 10 हजार रुपये नकद, 53 मोबाइल फोन, 34 मोबाइल सिम,एक डोंगल, 26 एटीएम कार्ड, 53 पासबुक, 48 चेकबुक विभिन्न बैंकों व नामों के आठ चेक जिसमें एक चेक 2 करोड़ 60 लाख का मय हस्ताक्षर एक डिमांड ड्राफ दस करोड़ का, 213 फिंगर प्रिंट क्लोन, चार फिंगर स्कैनर, दो रजिस्टर जिसमें आधार कार्ड, विभिन्न बैंक का डाटा लिखा है, एक लैपटाप, एक मानीटर, चार बोतल पालीमर लिक्विड, दो फिंगर प्रिंट उठाने वाला ग्लास, दो अल्ट्रा वाइलेट राड, 6 फाम सीट, एक सेल्फ इंक मशीन, दो अल्ट्रा वाइलेट, एक होंडा सिटी कार, एक प्लसर बाइक, पांच आधार कार्ड, तीन पैन कार्ड बरामद किया गया है।

सभी सदस्यों का था अलग-अलग काम

गिरोह के सभी सदस्यों का काम बंटा था। गिरोह के सरगना राघवेंद्र पहले ठेकेदारी करता था। तीन साल से नेपाल व दिल्ली के ‌व्यक्तियों को पैसे देकर उनका विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाकर उनका एटीएम कार्ड, चेकबुक, नेट बैंकिंग आईडी, पासवर्ड एवं वीडियो केवाईसी कराकर सीएसपी बनाकर विभिन्न बैंक खातों से रुपये निकलवाता था। सोनू कुुमार आधार कार्ड डाटा व फिंगर प्रिंट विभिन्न माध्यमों से प्राप्त कर फिंगर प्रिंट क्लोन बनवाकर एईपीएस ट्रांजेक्शन के माध्यम से रुपये निकालता था। मुकश सीएसपी संचालक था और आधार कार्ड व फ्रिंगर प्रिंट डाटा निकालकर गिरोह को बेच देता था। विकास की सहजनवां तहसील के पास फोटो कापी की दुकान थी, फोटो कापी के बहाने आधार कार्ड नंबर व फ्रिंगर प्रिंट का डाटा चोरी करता था। सैय्यद जावेद फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार करता था, शशांक पांडेय नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर उनका बैंकों में खाता खुलवाकर था। दीपेंद्र थापा नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को पैसे देकर नितेश सिंह, राहुल राना व सागर जायसवाल की मदद से खाता खुलवाता था। सागर ‌नेपाल व दिल्ली के व्यक्तियों को रुपये देकर उनका फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड बनवाता था, राहुल, पैसे लेकर नेपाली व्यक्तियों को दीपेंद्र थापा से मिलवाता था और नितेश सिंह की मदद से बैंक खाता खुलवाता था।अमित सैय्यद जावेद की मदद से क्लोन तैयार करता था। आशीष पाठक पैन ड्राइव से फिंगर प्रिंट का डाटा एडिट कर जावेद को उपलब्ध कराता था।

अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त कराई जाएगी

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि दिल्ली पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर आरोपितों को पकड़ा गया है। उन्होंने कितने लोगों के खाते से रुपये निकाले हैं यह पता नहीं चला है। इनके कब्जे से मिले दस्तावेज की साइबर सेल व क्राइम ब्रांच की टीम जांच कर रही है। जितने लोगों के खाते से रुपये ट्रांसफर किए गए हैं पुलिस उनसे संपर्क करेगी। आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त कराई जाएगी।

भू-लेख वेबसाइट से हासिल करते थे अंगूठे का निशान

बायोमीट्रिक मशीन पर दूसरे का अंगूठा बनाकर नकदी निकालने वाले गिरोह के सदस्यों से पूछताछ करने पर पता चला कि वह भारत सरकार के भू-लेख वेबसाइट के जरिए दूसरों के अंगूठे का निशान और आधार कार्ड की डिटेल हासिल करते थे। जिसके जरिए आसानी से दूसरों के खाते से रुपये निकाल लेते थे।एक साल पहले भी साइबर सेल की टीम ने ऐसे ही एक गिरोह को पकड़ा था जिसके तार इनसे जुड़े हैं।

जालसाजी रोकने के लिए शासन को एसएसपी लिखेंगे पत्र

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि भू-लेख वेबसाइट पूरी तरह से असुरक्षित है।कोई भी वेबसाइट खोलकर आसानी से रजिस्ट्री व स्टांप की तस्वीर को खोलकर देख सकता है।रिकार्ड को खोलकर अंगूठे का निशान, आधार कार्ड, रजिस्ट्री का पूरा दस्तावेज, गवाहों के अंगूठे के निशान डाउनलोड किया जा सकता है।इसी का फायदा जालसाज उठा रहे थे।शासन को पत्र लिख वेबसाइट से डाटा चोरी होने की जानकारी देने के साथ ही गोपनीयता का ख्याल रखने को कहा जाएगा। ताकि जालसाज दस्तावेज से छेड़छाड़ न कर सकें।

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