सिद्धार्थनगर में मिले 108 कोरोना संक्रमित, परदेशियों ने बढ़ाई दिक्कत
सिद्धार्थनगर जिले में परदेशियों ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर बढ़ा दी है। मार्च से अब तक 108 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। सभी संक्रमित या तो बाहर से आए हैं या फिर इनके संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं।
तेज प्रकाश त्रिपाठी, गोरखपुर : सिद्धार्थनगर जिले में परदेशियों ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर बढ़ा दी है। मार्च से अब तक 108 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। सभी संक्रमित या तो बाहर से आए हैं या फिर इनके संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। ये वह लोग हैं जो होली के त्योहार या चुनाव की वजह से गैर प्रांत से लौटे हैं। महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली में कोरोना के बढ़ते कहर से भी कंपनियों के बंद होने की आशंका के कारण बेरोजगार होने के डर से भी लोग घर लौटने लगे हैं। बढ़ते कोरोना को देख लोग डरने लगे हैं। टीकाकरण ने भी जोर पकड़ लिया है। मतदाताओं को बुलाने में जुटे हुए हैं कई प्रत्याशी
होली पर तमाम लोग गैर प्रांत से वापस घर लौट आए हैं। पंचायत चुनाव भी चल रहा है। ऐसे में तमाम प्रत्याशी बाहर से मतदाताओं को बुलाने में जुटे हुए हैं। यह लोग कोरोना बढ़ाने में सहायक हो रहे हैं। जिले में नए स्ट्रेन के फैलने के बाद 12 मार्च से जिले में कोरोना संक्रमित मिलने लगे हैं। अब तक 108 संक्रमितों की पहचान हो चुकी है।
नहीं हो पा रही लौट रहे लोगों की जांच
गैर प्रांत से लोगों के लौटने का सिलसिला चल पड़ा है। लोग ट्रेन व बसों से घर आ रहे हैं। इनकी जांच के लिए जिले में पांच टीमों को लगाया गया है। स्टाफ कम होने से अधिकांश लोगों की जांच नहीं हो पा रही है।
इलाहाबाद से आए एक अधिवक्ता मिले संक्रमित
108 में से 91 लोग मुंबई से चलकर आए और संक्रमित पाए गए हैं। जनपद के एक अधिवक्ता प्रयागराज से आने पर संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सभी संक्रमित के संपर्क में आने से पाजिटिव हुए हैं।
यह भी जानें
मार्च से अब तक कुल मिले संक्रमित- 108
मुंबई से आए जांच में मिले पाजिटिव की संख्या-91
एक साथ पति-पत्नी मिले संक्रमित-10
12 मार्च से अब तक हो चुकी जांच- 40 हजार
अप्रैल माह में पांच दिनों में लगा कोरोनारोधी टीका- 41 हजार
सभी को किया गया है आइसोलेट
सिद्धार्थनगर के सीएमओ डा. आइवी विश्वकर्मा ने कहा कि बाहर से आए लोगों को लगातार जांच हो रही है। सभी को आइसोलेट किया गया है। संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए टीकाकरण के साथ अन्य उपायों पर जोर दिया जा रहा है।