बिजली बिल में 10.50 करोड़ की हेरा-फेरी, चार अधिकारियों से मांगा गया 15 दिन में जवाब Gorakhpur News
संतकबीर नगर में बिजली बिल में 10.50 करोड़ की हेरा-फेरी किए जाने का मामला सामने आया है। लखनऊ की स्पेशल आडिट टीम की जांच में यह बात सामने आई है। बिल रिवीजन में हुए इस खेल में चार अधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है।
दिलीप पांडेय,गोरखपुर : संतकबीर नगर जिले में बिजली बिल में 10.50 करोड़ की हेरा-फेरी किए जाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लखनऊ की स्पेशल आडिट टीम (विशेष संप्रेक्षा दल) की जांच में यह बात सामने आई है। बिल रिवीजन में हुए इस खेल में बिजली निगम के चार अधिकारियों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया जाएगा। बहरहाल इसको लेकर बिजली निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। विद्युत उपकेंद्र हरिहरपुर के एसडीओ विवेक पांडेय से कई उपभोक्ताओं ने विभागीय अधिकारियों द्वारा बिजली बिल की राशि में हेरा-फेरी किए जाने की शिकायत की थी। जांच में पता चला कि इस उपकेंद्र के 53 बिजली उपभोक्ताओं के बिल की बकाया राशि को घटा दिया गया था, लेकिन घटाई गई बकाया राशि में से एक भी पैसा बिजली निगम में जमा नहीं किया गया था। ऐसा करके लाखों रुपये की घपलेबाजी की गई थी।
प्रबंध निदेशक से एसडीओ ने की थी शिकायत
एसडीओ ने इसकी शिकायत अगस्त-2019 में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के प्रबंध निदेशक से की थी। इसके बाद यूपीपीसीएल के चेयरमैन के निर्देश पर लखनऊ की स्पेशल आडिट टीम ने नवंबर-2019 में जिले में आई थी। एक दिसंबर 2016 से 30 नवंबर 2019 तक बिजली बिल रिवीजन की जांच की थी। जांच में कमियां सामने आने पर खलीलाबाद के एक्सईएन रहे व वर्तमान में बस्ती कार्यालय में तैनात संजय सिंह, पूर्व में यहां के एसडीओ रहे व वर्तमान में आजमगढ़ के एक्सईएन अरविंद सिंह, धनघटा के एसडीओ प्रेम प्रकाश वर्मा व सहायक अभियंता मीटर अजय गुप्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इनके जवाब से जांच अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए थे।
आडिट टीम की जांच में खुला मामला
स्पेशल आडिट टीम की जांच में बिजली बिल में खंड कार्यालय खलीलाबाद शहरी क्षेत्र में करीब ढ़ाई करोड़ रुपये, विद्युत उपकेंद्र धनघटा क्षेत्र में लगभग पांच करोड़ व विद्युत उपकेंद्र हरिहरपुर क्षेत्र में लगभग तीन करोड़, कुल साढ़े दस करोड़ रुपये हेरा-फेरी की बात सामने आई है। दोबारा इन चारों अधिकारियों से 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया जाएगा। अधीक्षण अभियंता डीके लाल ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। विभागीय कार्यों में वित्तीय अनियमितता क्षम्य नहीं हैं।
बर्दाश्त नहीं की जाएगी वित्तीय अनियमितता
बस्ती की डीएम दिव्या मित्तल ने कहा कि वित्तीय अनियमितता कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनियमितता में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति की जाएगी।