सिद्धार्थनगर में बलिदानियों के सम्‍मान में लहराएगा 101 फीट ऊंचा तिरंगा

सिद्धार्थनगर में बलिदानियों की याद में शहीद स्‍मारक बनया जाएगा। इसके लिए 18 एकड़ भूमि प्रशासन ने चिह्नित कराया है। साथ ही बजरंग चौक पर 101 फीट ऊंचा तिरंगा 15 अगस्‍त को फहराया जाएगा। एसडीएम इसका निर्माण करवाने में लगे हुए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:10 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:10 PM (IST)
सिद्धार्थनगर में बलिदानियों के सम्‍मान में लहराएगा 101 फीट ऊंचा तिरंगा
तिरंगे के लिए बनाए जा रहे फाउडेंशन का जायजा लेते एसडीएम त्रिभुवन। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी पावन भूमि प्रशासन ने संरक्षित कर ली है। सिद्धार्थनगर जिले में माली मैनहा रोड पर स्थित लगभग 18 एकड़ भूमि प्रशासन ने चिन्हित कराया है। यहां शहीद स्मारक बनेगा। साथ ही बलिदानियों की याद में बजरंग चौक पर 101 फीट ऊंचा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम भी 15 अगस्त को होगा। एसडीएम डुमरियागंज जहां इसका निर्माण करवाने में जुटे हैं, वहीं झंडारोहण विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह के हाथों होगा।

शहीद स्‍मारक की जमीन हो चुकी है कब्‍जामुक्‍त

डुमरियागंज रोडवेज बस स्टैंड के पीछे बाहरी रोड पर स्थित शहीद स्मारक की जमीन कब्जा मुक्त हो चुकी है। यह भूमि स्वतंत्रता से पूर्व व बाद में अंग्रेजों के द जानशन स्कूल आफ एग्रीकल्चर के नाम से थी। वर्ष 1976 में गलत तरीके से इसे पीपुल्स इंटर कालेज ने अपने नाम करवा लिया था, जिसे प्रशासन कब्जे में ले चुका है। इसी पावन भूमि पर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अंकुर फूटे थे। यहां 87 क्रांतिकारी बलिदान हुए थे। बजरंग चौक पर ही बलिदानियों की अंतिम बैठक हुई थी, इसलिए अब उसे भी संरक्षित कर वहां 101 फीट ऊंचा झंडा लहराने की तैयारी है।

यह है इतिहास

वर्ष 1857 की बात है, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बज चुका था। उसी दरम्यान डुमरियागंज तहसील के किसानों की जमीन तत्कालीन कलेक्टर मि. जानशन एग्रीकल्चरल स्कूल के नाम पर अधिग्रहित करने लगे। किसानों ने इसकी खिलाफत की तो उनपर लाठियां बरसाई गईं। अंत में परेशान किसानों ने क्रांति की राह चुनी और अधिग्रहण कराने में जुटे अंग्रेज अधिकारी गिफोर्ड की हत्या कर दी। बौखलाई ब्रिटिश हुकूमत ने 87 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

इतिहास को संरक्षित करना गौरवशाली

डुमरियागंज के एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि असंख्य कुर्बानियों के बाद हमें आजादी मिली है। जिन शहीदों ने हमें आजादी का तोहफा दिया, उस इतिहास को संरक्षित करना गौरवशाली है। बस्ती और गोरखपुर के बाद सबसे ऊंचा झंडा डुमरियागंज के बजरंग चौक पर लहराएगा।

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