गीडा में निरस्त होंगे 100 भूखंड, राहत मिलने की उम्मीद नहीं Gorakhpur News

पांच साल पहले 255 लोगों को औद्योगिक इकाई लगाने के लिए गीडा ने भूखंड आवंटित किया था। कई लोगों ने अपनी इकाई स्थापित भी की लेकिन करीब 100 ऐसे लोग रहे जिन्होंने इकाई स्थापित नहीं की। ऐसे में अब भूखंड निरस्‍त होगा।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 09:30 AM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 12:16 PM (IST)
गीडा में निरस्त होंगे 100 भूखंड, राहत मिलने की उम्मीद नहीं Gorakhpur News
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ पवन अग्रवाल, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में भूखंड आवंटन के पांच साल के भीतर औद्योगिक इकाई न लगाने वाले आवंटियों को स्थानीय स्तर से राहत नहीं मिलने वाली। भूखंड आवंटन को इसी महीने पांच साल पूरे होने वाले हैं और इसके साथ ही गीडा भूखंडों का आवंटन  निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। इससे करीब 100 आवंटी प्रभावित होंगे।

पांच साल पहले 255 लोगों को औद्योगिक इकाई लगाने के लिए गीडा ने भूखंड आवंटित किया था। कई लोगों ने अपनी इकाई स्थापित भी की लेकिन करीब 100 ऐसे लोग रहे, जिन्होंने इकाई स्थापित नहीं की। नियम के अनुसार पांच साल तक इकाई न लगाने वाले आवंटी का आवंटन निरस्त कर दिया जाता है। निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद आवंटियों की बेचैनी बढ़ गई। उद्यमियों के संगठन के जरिए भूखंड बचाने की कवायद भी शुरू हुई। इसी सप्ताह मंगलवार को गीडा सीईओ पवन अग्रवाल के समक्ष कुछ समय देने का मुद्दा भी उठा था लेकिन समय देने को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिल सका। उद्यमी चाहते हैं कि जिन्होंने निर्माण करा लिया है और इकाई लगाने को लेकर गंभीर हैं, उन्हें मौका दिया जाए। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में संपन्न मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में भी इस प्रस्ताव को रखा गया था। इस मामले में केस टू केस परीक्षण करने का आश्वासन दिया गया है। यानी यदि कोई इस तरह का आवेदन देता है तो उसकी तैयारी देखने के बाद फैसला किया जाएगा। जिनके आवंटन निरस्त होने की कगार पर हैं, उन्होंने चैंबर आफ इंडस्ट्रीज से भी गुहार लगायी है। छह महीने का समय देने के लिए चेंबर की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखने की भी तैयारी की जा रही है।

बिना फैक्ट्री संचालित हुए नहीं बेच सकते भूखंड

सितंबर 2020 से गीडा में लागू हुए नए नियम के तहत कोई भी आवंटी तबतक अपना भूखंड दूसरे को नहीं बेच सकता, जबतक वह फैक्ट्री संचालित नहीं कर लेता। गीडा के सीईओ पवन अग्रवाल का कहना है कि पांच साल पूरा होने पर औद्योगिक इकाई स्थापित न करने वाले आवंटियों का आवंटन निरस्त करने का नियम है। उद्यमियों के साथ बैठक में अतिरिक्त समय देने की मांग की गई थी लेकिन इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। सर्वे के आधार पर केस टू केस निर्णय लिया जाएगा।

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