फर्जी असलहा लाइसेंस प्रकरण में 10 निर्दोषों को भेज दिया जेल, डीएम को ऐसे मिली जानकारी Gorkhpur News
ओवरराइटिंग के चक्कर में 10 निर्दोष लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी। जिला प्रशासन ने आठ लोगों की बेगुनाही का सबूत पुलिस को दे दिया। इनके लाइसेंस असली पाए गए।
गोरखपुर, जेएनएन। असलहा रजिस्टर के क्रमांक पर ओवरराइटिंग कर फर्जीवाड़े को जालसाजों ने अंजाम दिया गया था। इसका खुलासा जिला प्रशासन की रिपोर्ट में हुआ है। इसी ओवरराइटिंग के चक्कर में 10 निर्दोष लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी। जिला प्रशासन ने आठ लोगों की बेगुनाही का सबूत पुलिस को दे दिया। प्रशासन की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में असलहा रजिस्टर की छायाप्रति भी शामिल है। गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में आठ की रिपोर्ट भेज दी गई है, जबकि दो की रिपोर्ट भेजी जानी है। प्रभारी शस्त्र अधिकारी द्वारा पुलिस को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि रजिस्टर के क्रमांक में ओवरराइटिंग हुई थी। लाइसेंस फर्जीवाड़े में शामिल दोनों बाबू इस समय जेल में हैं।
ये था मामला
बता दें कि 14 अगस्त को फर्जी शस्त्र लाइसेंस का मामला पकड़ में आया था। खोराबार पुलिस ने कुल 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था, इसमें 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि एक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। पुलिस ने जिन्हें जेला था उनके लाइसेंस असली पाए गए। इसका खुलासा होते ही पुलिस और प्रशासन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गए।
पीडि़तों ने डीएम से की थी मुलाकात
जेल से बाहर आने के बाद 10 शस्त्र लाइसेंसधारकों ने जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन से मुलाकात कर पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुुए अपने शस्त्र लाइसेंस की नकल मांगी। डीएम ने मामले की जांच कराई। जांच में शस्त्र लाइसेंस कलेक्ट्रेट से ही जारी होने की पुष्टि हुई। इस पर डीएम ने मूल दस्तावेज की सत्यापित प्रति देने का निर्देश दिया। लाइसेंस का असलहा रजिस्टर के साथ ही नडाल व एलिस से मिलान कराया गया, इसके बाद सभी को नकल की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराई गई।
दर्ज मुकदमे वापस करने की मांग
सत्यापित प्रति मिलने के बाद 10 निर्दोष लोगों ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमे को हटाने की गुहार लगाई। जिला प्रशासन ने मूल दस्तावेजों से मिलान कराने के बाद आठ लाइसेंसधारकों के शस्त्र लाइसेंस की सत्यापित प्रति एसएसपी को उपलब्ध करा दी है जबकि तीन वैध लाइसेंसियों की रिपोर्ट भी जल्द ही एसएसपी को भेज दी जाएगी।