हर क्षेत्र में महिलाओं का कदमताल, फिर भी नहीं पुरसाहाल
-बीते छह माह में दहेज हत्या के 17 व उत्पीड़न के 34 मामले आए सामने -------------------- धनं
-बीते छह माह में दहेज हत्या के 17 व उत्पीड़न के 34 मामले आए सामने
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धनंजय तिवारी, गोंडा : हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं लेकिन, यहां लालच व धैर्य की कमी से परिवार टूट रहे हैं। दहेज के लिए जिदगी की राह में हमसफर का साथ छोड़ दे रहे हैं। कुछ इतने लोभी हैं कि अपराध कर बैठते हैं। दहेज की लालच का आलम यह है कि कुछ की तो फेरे के वक्त ही उनकी मंशा सामने आई तो शादी से पहले ही संबंध टूट गया। यही नहीं, शादी के बाद दहेज की मांग न पूरी होने पर महिलाओं का उत्पीड़न किया जाता है।
करीब पखवारा भर पहले नगर कोतवाली के एक गांव में दहेज के लिए पति ने पत्नी को ही मार डाला। इस मामले में पति ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार पर मुकदमा हो गया। वहीं खरगूपुर में दहेज उत्पीड़न का मामला सामने आया। यदि आंकड़ों पर ध्यान जाए तो बीते छह माह में 17 दहेज हत्या के मामले सामने आए हैं। उत्पीड़न के मामले जो पुलिस के पन्नों में दर्ज हैं उनकी संख्या भी 34 है। इसके अलावा कई ऐसी शिकायतें हैं जो समाज व परिवार के लोकलाज के चलते घर की ड्योढ़ी के अंदर ही दफन हैं। यह हाल तब है जब हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के साथ कदमताल करती नजर आ रही हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि मिशन शक्ति सहित सरकार महिलाओं के हित में कई योजनाएं चला रही है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं जागरूकता अभियान चला रही हैं। इन सबके बावजूद थोड़ी सी लालच में पति अपने हमसफर का साथ जीवन की राह में ही छोड़ रहा है। एसपी के बोल
- पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय का कहना है कि महिलाओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए थानों में अलग से महिला डेस्क संचालित है। महिला संबंधी अपराधों के निस्तारण के लिए परिवार परामर्श केंद्र के अलावा अन्य तरीके से सुलह-समझौता का प्रयास किया जाता है। निस्तारण न होने पर मुकदमा कराया जाता है।