हवाओं ने बढ़ाई गलन, दिन भर छायी रही बदरी

गुरुवार को पछुआ हवाओं के चलने से गलन बढ़ गई। दिन भर बदरी छायी रही। ठिठुरते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। रिक्शा चालकों तीमारदारों व राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। चिकित्सकों ने गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी है। रात में ठंड और भी बढ़ने की बात कही जा रही है। प्रशासन ठंड से बचाने के लिए कंबल की खरीदारी नहीं कर सका है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 09:02 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 09:02 PM (IST)
हवाओं ने बढ़ाई गलन, दिन भर छायी रही बदरी
हवाओं ने बढ़ाई गलन, दिन भर छायी रही बदरी

बलरामपुर : गुरुवार को पछुआ हवाओं के चलने से गलन बढ़ गई। दिन भर बदरी छायी रही। ठिठुरते हुए बच्चे स्कूल पहुंचे। रिक्शा चालकों, तीमारदारों व राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। चिकित्सकों ने गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी है। रात में ठंड और भी बढ़ने की बात कही जा रही है। प्रशासन ठंड से बचाने के लिए कंबल की खरीदारी नहीं कर सका है। जिससे जरूरतमंद लोगों को ठंड से कांपना पड़ रहा है। अधिकतम पारा 25 डि‌र्ग्री सेल्सियस व न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। शुक्रवार को भी मौसम के ऐसे ही रहने की संभावना जताई जा रही है। बुजुर्ग बरतें विशेष सावधानी

-जिला मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डॉ.रमेश पांडेय का कहना है कि बुजुर्गों व बच्चों की देखरेख में सावधानी बरतने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही से वह बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनना चाहिए। गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। ठंडी चीजे खाने से पहरेज किया जाना चाहिए। कोहरा पड़ रहा है। सुबह मार्निंग वाक पर निकलते समय गर्म कपड़े पहने। प्रदूषण की परत दिल के रोगियों के लिए मुसीबत बन सकता है। दिल के मरीजों को भोर में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यदि बाहर निकल रहे हैं तो मुंह पर मास्क पहनकर ही निकले।

जिम्मेदार के बोल

-अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि दस हजार कंबल मंगाने के लिए आर्डर किया जा चुका है। साढ़े तीन हजार कंबल तीन दिनों में आ जाएंगे। 50-50 हजार रुपये अलाव जलवाने के लिए तीनों को तहसीलों को दिए जा चुके हैं। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों को रैन बसेरे में सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। सुबह व शाम होने वाली ठंड को देखते हुए सभी अस्पताल, रेलवे स्टेशन व बस स्टाफ पर अलाव जलवाने के लिए कहा जा चुका है। जिससे राहगीरों व तीमारदारों को ठंड से बचाया जा सके।

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