कारतूस न गाड़ी, खाली बंदूक से हो रही जंगल की रखवाली
गोंडा वन विभाग में संसाधन के साथ अफसर व कर्मचारियों का अकाल गांव से सटे हैं सरकारी जंगल ।
वरुण यादव, गोंडा : जंगल में बेशकीमती वन संपत्ति हैं और वन्य जीव भी, लेकिन रखवाली के लिए न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही अधिकारी व कर्मचारी। नतीजा ये है कि वन कर्मी बिना गाड़ी व कारतूस के ही खाली बंदूक से जंगल की रखवाली कर रहे हैं। ऐसे में आए दिन जंगल में लकड़ी चोरी की घटनाएं हो रही हैं। माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह वनकर्मियों पर हमला करने से भी नहीं डरते।
प्रभाग में मंडल के दो जिले गोंडा व बलरामपुर शामिल है। इसमें वनक्षेत्र की संख्या 9 है।
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अधिकारियों व कर्मचारियों के तैनाती की स्थिति
पदनाम-सृजित-तैनाती-रिक्त
एसडीओ-02-00-02
वनरक्षक-65-37-28
वन दारोगा-34-28-06
वन क्षेत्राधिकारी-09-07-02
चतुर्थ श्रेणी-33-33-00
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कई वर्ष से नहीं मिला कारतूस, वाहन भी कम
- विभागीय सूत्र के अनुसार वन कर्मियों को कई वर्ष से कारतूस नहीं मिला। पुराने कारतूस तीन वर्ष से अधिक का समय बीतने के कारण खराब हो चुके हैं। वैसे तो करीब 22 बंदूक व राइफल है, लेकिन इसमें जंक लग चुकी है। वाहन भी 14 के सापेक्ष सिर्फ आठ ही है।
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साल, साखू व सागौन सबसे अधिक
- वन विभाग के जंगल में साल, साखू व सागौन के पेड़ सबसे अधिक हैं। बलरामपुर में तुलसीपुर रेंज को छोड़कर पूरा वन क्षेत्र गोंडा वन प्रभाग में शामिल है। कुआंनो, टिकरी में सबसे ज्यादा वन संपत्ति हैं। इसमें लेफर्ड, बारसिघा, मोर, हिरन आदि पशु-पक्षी हैं।
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चोरी की पकड़ी गईं 27 घटनाएं
- वन प्रभाग में इस वर्ष अबतक जंगल से लकड़ी चोरी की 27 घटनाएं हुई हैं। इस मामले में 107 लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हुई है। टिकरी रेंज में वन कर्मियों पर हमला व गाड़ी तोड़ने के मामले में आरोपियों को जेल भेजा गया है।
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वर्जन
अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी से जंगल की रखवाली में दिक्कत तो आ रही है, लेकिन पूरी सतर्कता से निगरानी कराई जा रही है। संसाधन व मैनपावर की कमी से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।
- आरके त्रिपाठी, डीएफओ गोंडा