अधूरा रह गया गांवों में मिनी विकास भवन का सपना

जिले में 472 का लक्ष्य बन सके सिर्फ 78 पंचायत भवन 389 गांवों में पूरा नहीं हो सका पंचायत भवन का निर्माण।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 11:45 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 11:45 PM (IST)
अधूरा रह गया गांवों में मिनी विकास भवन का सपना
अधूरा रह गया गांवों में मिनी विकास भवन का सपना

गोंडा : मकसद था पब्लिक को एक ही छत के नीचे सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने का। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत भवन (मिनी विकास भवन) के निर्माण का फैसला किया गया था। 472 ग्राम पंचायतों में करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से भवन निर्माण की मंजूरी मिली थी। जिन गांवों में बजट की उपलब्धता नहीं थी, वहां मनरेगा से भवन निर्माण की स्वीकृति प्रशासन ने करीब छह माह पूर्व दी थी। विभाग ने 467 गांवों में पंचायत भवन निर्माण शुरू होने के दावे भी कर दिए थे लेकिन, पूरे हुए सिर्फ 78। अभी भी 389 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण अधूरा है। ये हाल तब है जब निगरानी के लिए ब्लॉक से लेकर जिले तक कर्मियों की तैनाती है। अब सवाल ये है कि आखिर ये भवन निर्माण कब पूरा होगा।

आंकड़ों पर एक नजर :

1214- जिले में कुल ग्राम पंचायतें

160- नई ग्राम पंचायतों में हुआ गठन

582- ग्राम पंचायतों में पहले से पंचायत भवन

472- ग्राम पंचायतों में निर्माण का तय हुआ लक्ष्य

467- ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण शुरू होने का दावा

05- ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण के लिए नहीं मिली जमीन

78- ग्राम पंचायतों में सिर्फ बने सके पंचायत भवन

389- ग्राम पंचायतों में पूरा नहीं हो सका भवन निर्माण

102- पंचायत भवन में छत पड़ने की दरकार

प्रशासकों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी :

ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला प्रशासन ने 1205 ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की तैनाती की थी। इन्हें सचिव के साथ ग्राम प्रधान पद के दायित्वों का निर्वहन करने के साथ ही अधूरे कार्यों को पूरा कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, प्रशासन का ये फरमान सिर्फ कागजों तक सिमटकर रह गया। डीपीआरओ सभाजीत पांडेय का कहना है कि पंचायत चुनाव के कारण के कार्य प्रभावित हुआ है। समीक्षा की जा रही है।

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