जानलेवा हमले के मामले में सगे भाइयों को सात वर्ष का कारावास
वर्ष 2008 में हुई थी घटना 12 वर्ष बाद आया फैसला विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट ने की सुनवाई
गोंडा: वर्ष 2008 में हुए जानलेवा हमले के एक मामले में शनिवार को विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट मीता सिंह ने फैसला सुनाया है। प्रकरण में आरोपित दो सगे भाइयों को सात वर्ष के कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत शुक्ल व एडीजीसी घनश्याम पांडेय ने बताया कि 14 दिसंबर 2008 को नगर कोतवाली में बिलाल अहमद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि उसका भाई मोहम्मद आसिम साढ़े आठ बजे रात को फैजाबाद बाईपास चौराहे पर मूंगफली खरीद रहा था। उसी समय कार से पहुंचे इमामबाड़ा निवासी बशीर व जहीर ने अपने साथियों के साथ उसके भाई पर फायरिग कर दी। इसमें आसिम घायल हो गया। इसकी रिपोर्ट कोतवाली नगर में दर्ज कराई गई थी। मामले की सुनवाई ईसी एक्ट की विशेष न्यायाधीश मीता सिंह ने की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले में आरोपित किए गए बशीर व जहीर को जानलेवा हमले के आरोप में सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
जमानत खारिज
- पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश चंद्र मोहन चतुर्वेदी ने अश्लील हरकत के मामले में आरोपित समीर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। संबंधित पर 12 सितंबर को एक बालिका के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप है।