रेशम की डोर ने पकड़ाया समृद्धि का छोर, मंडल की झोली में आए नौ पुरस्कार

गोंडा शहतूती कोया उत्पादन व धागाकरण में किसानों ने झटके पुरस्कार सिल्क एक्सपो में मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:01 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:01 PM (IST)
रेशम की डोर ने पकड़ाया समृद्धि का छोर, मंडल की झोली में आए नौ पुरस्कार
रेशम की डोर ने पकड़ाया समृद्धि का छोर, मंडल की झोली में आए नौ पुरस्कार

वरुण यादव, गोंडा : अपनी मेहनत व तकनीक के प्रयोग से देवीपाटन मंडल के किसानों ने शहतूत से कोया व धागा उत्पादन में भी अपनी कामयाबी का डंका प्रदेश में बजाया है। पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार में मंडल ने नौ राज्य स्तरीय पुरस्कार झटके हैं। सिल्क एक्सपो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को शाल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। गोंडा समेत 17 जिलों के 50 किसानों को पुरस्कार के रूप में 11-11 हजार रुपये की धनराशि दी गई है।

------------

सफलता की कहानी, किसान की जुबानी

- रामनगर किसान विजय कुमार बताते हैं कि चार दशक पूर्व रेशम फार्म की स्थापना हुई थी। एक तरफ गरीबी तो दूसरी तरफ परिवार बड़ा होने से खेती से आजीविका नहीं चल पाती थी। फार्म पर मौजूद अधिकारियों ने कोया उत्पादन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले तो विश्वास नहीं हुआ, लेकिन पूंजी न लगने की शर्त पर कार्य शुरू किया। धीरे-धीरे खेतों के किनारे शहतूत के पौधे लगाए और कोया उत्पादन शुरू कर दिया। पहले वर्ष महज दो हजार रुपये का फायदा हुआ, लेकिन वक्त के साथ ही कमाई बढ़ती गई। अब हर साल करीब तीन क्विंटल कोये का उत्पादन हो जाता है, इससे करीब 80 हजार रुपये का मुनाफा होता है। विभाग रेशम कीट उपलब्ध कराता है। ये कार्य महज कुछ दिनों का होता है। घनश्याम का कहना है कि कोया उत्पादन से हमें काफी फायदा हुआ है।

फसलवार मिले कितने पुरस्कार

शहतूती सेक्टर-35 पुरस्कार

टसर सेक्टर-05 पुरस्कार

एरी सेक्टर-07 पुरस्कार

धागाकरण क्षेत्र-02 पुरस्कार

रेशम बुनकर क्षेत्र-एक पुरस्कार

कहां के किस किसान को मिला पुरस्कार

- गोंडा में रामनगर के विजय कुमार व जुगराजपुर के घनश्याम, बहराइच में बिछला कल्पीपारा गांव के तेजराम व हेमरिया गजपतिपुर के सियाराम, बलरामपुर में बघेलखंड के अयोध्या व हुसैनी, श्रावस्ती के दंदौली के कृष्ण बहादुर व मोहनपुरवा गौसपुर के त्रिभवन, सीतापुर में मुसहा के रामभजन, लखीमपुर खीरी में तेंदुआ के पुरुषोत्तम सिंह व ईश्वरी सिंह व्यक्तिगत पुरस्कार में शामिल हैं। इसके अलावा धागाकरण क्षेत्र में बहराइच के कल्पीपारा प्रेरणा धागाकरण एवं रेशम उत्पादन समूह को भी पुरस्कार मिला है।

--------

देवीपाटन मंडल में सबसे ज्यादा किसान शहतूत से कोया उत्पादन करते हैं। इस बार मंडल के खाते में नौ पुरस्कार आए हैं। चयनित किसानों को सिल्क एक्सपो में मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया है।

- रामानंद मल्ल, उप निदेशक रेशम गोंडा

chat bot
आपका साथी